अमेरिका ने कहा- चीन को दलाई लामा चुनने का अधिकार नहीं

पहली बार तिब्बत की स्वायत्तता को दी मान्यता

अमेरिका ने कहा- चीन को दलाई लामा चुनने का अधिकार नहीं

अमेरिका ने तिब्बत की वास्तविक स्वायत्तता और वैश्विक शांति, सौहार्द्र और तालमेल के महत्व के लिए 14 वें दलाई लामा के कार्यो को मान्यता दी है. इसके साथ ही दलाई लामा की तीन प्रमुख प्रतिबद्धताओं को जोड़ा गया है जिसमें मानवीय मूल्य को बढ़ावा, धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा और तिब्बत की संस्कृति और धर्म को बचाने की प्रतिबद्धता. दलाई लामा के कथन को दोहराते हुए अमेरिका ने कहा कि हम भी मानते हैं कि इंसानों के बीच के कई टकराव का हल बातचीत से निकाला जा सकता है. अमेरिकी संसद में कहा गया कि तिब्बत के लोगों की इच्छाओं, मानवाधिकारों और स्वतंत्रता के साथ ही उनकी धार्मिक, सांस्कृतिक, भाषाई और राष्ट्रीय पहचान के अंतरराष्ट्रीय संरक्षण को हम प्रस्ताव के माध्यम से समर्थन देते हैं. अमेरिका के विशेष राजदूत (एम्बेसेडर एट लार्ज) सैमुएल डी ब्राउनबैक ने कहा कि चीन के पास अगला दलाई लामा चुनने का कोई धार्मिक आधार नहीं है और बौद्ध धर्म के तिब्बती अनुयायी सैकड़ों साल से अपना आध्यात्मिक नेता सफलतापूर्वक चुनते आए हैं. सैमुएल डी ब्राउनबैक ने अक्टूबर में भारत की अपनी यात्रा को याद करते हुए एक कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान कहा कि वह भारत के धर्मशाला में तिब्बती समुदाय से बात करने और उन्हें यह बताने गए थे कि अमेरिका चीन द्वारा अगला दलाई लामा चुने जाने के खिलाफ है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है. उनके पास ऐसा करने का कोई धार्मिक आधार नहीं है. बौद्ध धर्म के तिब्बती अनुयायी सैकड़ों बरसों से अपना नेता सफलतापूर्वक चुनते आए हैं और उनके पास अब भी ऐसा करने का अधिकार है.