रूसी वैक्सीन पर भारत की नजर, फेज-3 ट्रायल्स के लिए मंगाया डेटा

रूसी वैक्सीन पर भारत की नजर, फेज-3 ट्रायल्स के लिए मंगाया डेटा

कोविड-19 के मामले में अमेरिका के बाद भारत दूसरे नंबर है। यही स्थिति रही, तो भारत जल्द ही दुनिया का सबसे ज्यादा केस वाला देश बन जाएगा। इसे देखते हुए सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। रूसी वैक्सीन पर भारत की नजर है और मास्को के गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-वी पर शक था, क्योंकि डाटा उपलब्ध नहीं था। मेडिकल जर्नल लैंसेट ने इसके ट्रायल्स के नतीजे प्रकाशित किए हैं। लैंसेट में प्रकाशित स्टडी के अनुसार स्पूतनिक-वी इफेक्टिव और सुरक्षित भी है। रूसी रिसर्च इंस्टीट्यूूट ने भारतीय अधिकारियों से वैक्सीन ट्रायल्स का डाटा शेयर किया है।

रूसी कोविड-19 वैक्सीन स्पूतनिक-वी 76 लोगों पर हुआ ट्रायल्स

लैंसेट में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक वैक्सीन का ट्रायल्स 76 लोगों पर किया गया और इसने उनमें इम्यून रिस्पॉन्स को ट्रिगर किया है। रूस में भारतीय राजदूत डीबी वेंकटेशन वर्मा के साथ-साथ बायोटेक्नोलॉजी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप ने इस पूरे डेटा ट्रांसफर को कोऑर्डिनेट किया है। गामालेया से मिले कॉम्प्रिहेंसिव डेटा का मूल्यांकन भारत में एक्सपर्ट कर रहे हैं। रेग्युलेटर्स से जरूरी अनुमतियां लेकर भारत में भी फेज-3 ट्रायल्स हो सकते हैं। स्पूतनिक-वी की अधिकृत वेबसाइट के मुताबिक रूस की योजना सऊदी अरब, यूएई, ब्राजील और फिलीपींस में इस वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल्स की है। यह भी लिखा है कि भारत समेत 20 देशों ने वैक्सीन में रुचि दिखाई है। रूस में इसी सप्ताह से जनता को वैक्सीन मिलने लगेगा। रूसी मेडिकल वॉच डॉग इसी हफ्ते वैक्सीन की क्वालिटी चेक करेगा और 13 सितंबर से पहले अप्रूवल दिया जा सकता है। इसके बाद सरकार इस वैक्सीन को सिविलियन इस्तेमाल के लिए अधिकृत कर देगी।

जांच के दायरे में हैं कई कोविड-19 वैक्सीन 
रशियन एकेडमी ऑफ साइंसेस के एसोसिएट मेंबर डेनिस लोगुनोव ने कहा कि ज्यादातर देश अब भी वैक्सीन के जांच के विभिन्न स्टेज पर हैं, लेकिन रूस इसी हफ्ते सिविलियन यूज के लिए अपना वैक्सीन अप्रूव कर देगा। इसी हफ्ते पहला बैच भी रिलीज हो जाएगा। 15 सितंबर तक वैक्सीन के शुरुआती डाटा आएंगे। 175 से ज्यादा देश वैक्सीन बना रहे हैं। आठ वैक्सीन फेज-3 ट्रायल्स में हैं। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का कोवीशील्ड सबसे आगे है। इसके ट्रायल्स भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में शुरू हो चुके हैं। यूके के दवा निर्माता ने पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के साथ एक बिलियन डोज बनाने की डील की है।