रूस-यूक्रेन युद्ध से हथियार कंपनियों के शेयर चढ़े, यूरोप की टूट रही कमर

रूस-यूक्रेन युद्ध से हथियार कंपनियों के शेयर चढ़े, यूरोप की टूट रही कमर
जर्मनी के कील इंस्टीट्यूट फॉर द वर्ल्ड इकोनॉमी की एक पहल यूक्रेन सपोर्ट ट्रैकर के अनुसार, इस साल 4 जनवरी से 3 अक्टूबर के बीच अमेरिका ने यूक्रेन को सैन्य सहायता में 27. 6 बिलियन यूरो की प्रतिबद्धता जताई। इसमें से 15. 2 अरब यूरो स्पेशल हथियार और इक्यूपमेंट के लिए हैं। इसके बाद पोलैंड ने स्पेशल मिलिट्री हार्डवेयर में 1. 8 अरब यूरो, यूके ने 1. 5 अरब यूरो और जर्मनी ने 0. 7 अरब यूरो देने का फैसला किया है।

6 नवंबर 22। रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 9 महीने से युद्ध जारी है। जब यह युद्ध शुरू हुआ था तो शायद ही किसी ने सोचा हो कि यह इतना लंबा चलेगा। किसी की बात छोड़ ही दीजिए खुद रूस ने भी नहीं सोचा होगा कि यह युद्ध उसके लिए गले की हड्डी बन जाएगी। अब यह युद्ध एक जोखिम भरे और अप्रत्याशित दौर में पहुंच गया है। रूस ने एक बार फिर से न सिर्फ राजधानी कीव बल्कि यूक्रेन के अन्य शहरों पर भी भारी बमबारी शुरू कर दी है। सबसे खतरनाक यह है कि रूस अब परमाणु हथियारों के विकल्प पर भी विचार कर रहा है। रूसी हमले के जवाब में अमेरिका समेत अन्य पश्चिमी देशों ने सैन्य सहयोग बढ़ा दिया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इतने लंबे समय तक चले युद्ध में फायदा किसका हो रहा है।

युद्ध शुरू होने के बाद से हथियारों के नए ऑर्डर दिए जा रहे हैं। प्रोडक्शन सीरीज को बढ़ाया जा रहा है। नतीजतन, युद्ध की शुरुआत के बाद से हथियार निर्माण कंपनियों के शेयर नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। दरअसल, इस साल डिफेंस शेयरों ने ग्लोबल मार्केट से बेहतर प्रदर्शन किया है। फरवरी में युद्ध की शुरुआत के बाद से, सितंबर में बीएई सिस्टम्स के शेयरों में 37% की वृद्धि हुई थी। इसी अवधि में, लॉकहीड मार्टिन ने 8% की ग्रोथ देखी है। जनरल डायनेमिक्स (बख्तरबंद वाहनों के निर्माता) के शेयरों में 5. 6%, नॉथॉर्फ ग्रुम्मन (वारहेड्स और हाइपरसोनिक मिसाइलों के निर्माता) के शेयर्स में 26%, और एरोविरोनमेंट के शेयर्स में 80% तक उछाल आया है।

इस युद्ध के दौरान नए ऑर्डर के लिए इतने पैसे के साथ, ग्लोबल डिफेंस इंडस्ट्रीज के लिए मुंह मांगी मुराद जैसी है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि जेन्स की मार्च की रिपोर्ट बताती है, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने सभी देशों के रक्षा खर्च को बढ़ा दिया है। विश्व स्तर पर, पूरे यूरोप समेत कुल रक्षा खर्च रिकॉर्ड 2.08 खरब डॉलर का होगा। यूरोप के ही डिफेंस बजट में 30.7 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। इसमें से 80% हिस्सेदारी अकेले जर्मनी की है।