पाकिस्तान के हिंगलाज मंदिर की शक्तिपीठ यात्रा।
जहां देवी सती का सिर गिरा था, वहां न केवल हिंदू, बल्कि मुस्लिम भी अपना सिर झुकाते थे।
21 अक्टूबर 2023, इस्लामाबाद:* पाकिस्तान के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक, हिंगलाज मंदिर की शक्तिपीठ यात्रा के बारे में आश्चर्यजनक कहानियाँ दुनिया भर में फैली हैं। यह यात्रा वहाँ के हिन्दू धार्मिक स्थल के रूप में जानी जाती है, लेकिन अब यहाँ की शक्तिपीठ पर मुस्लिमों की भी आस्था का प्रतीक बन चुका है।
हिंगलाज मंदिर की शक्तिपीठ पर वह स्थान है जहां पवित्र देवी सती का सिर गिरा था। यहाँ की खासता यह है कि न केवल हिन्दू धर्म के अनुयायी, बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी अपनी आस्था जताते हैं। मुस्लिम श्रद्धालु भक्तिपूर्ण भावना के साथ इस स्थल पर आत्मसमर्पण दिखाते हैं, जिससे यह एक सामाजिक समरसता का प्रतीक बन चुका है।
मंदिर के पुरातात्विक महत्व ने यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है। स्थानीय लोग इसे अपने समृद्ध विरासत का हिस्सा मानते हैं और इसे समृद्धि, सामाजिक समरसता और धार्मिक एकता की प्रतीक मानते हैं।
पाकिस्तान सरकार ने इस स्थल के विकास और प्रबंधन के लिए कई योजनाएँ बनाई हैं, ताकि पर्यटकों को यह अद्वितीय सांस्कृतिक अनुभव प्राप्त हो सके। स्थानीय लोगों के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी इस यात्रा का आनंद ले रहे हैं और वहाँ की विशेषता को महसूस कर रहे हैं।
इस सामाजिक एकता की मिसाल के रूप में, हिंगलाज मंदिर की शक्तिपीठ यात्रा एक नई दृष्टिकोन प्रदान कर रही है, जहां विभिन्न धर्मों के लोग एक-दूसरे के साथ शांति और समरसता में रहने का संकल्प कर रहे हैं।