उत्तर भारत और संसद की मानसिकता अभी भी महिला आरक्षण के अनुकूल नहीं

उत्तर भारत और संसद की मानसिकता अभी भी महिला आरक्षण के अनुकूल नहीं
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पुणे डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की, जहां उनका और उनकी बेटी और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले का साक्षात्कार लिया गया।

18 सितंबर 22। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar)ने कहा है कि उत्तर भारत और संसद की "मानसिकता" अभी तक लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के अनुकूल नहीं है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पुणे डॉक्टर्स एसोसिएशन (Pune Doctors Association)द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की, जहां उनका और उनकी बेटी और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले (Supriya Sule)का साक्षात्कार लिया गया।

वह महिला आरक्षण विधेयक पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसका उद्देश्य लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करना है, जिसे अभी पारित किया जाना है, और क्या यह दर्शाता है कि देश अभी भी मानसिक रूप से तैयार नहीं है कि महिला नेतृत्व को स्वीकार करें।

पवार ने कहा कि वह कांग्रेस के लोकसभा सदस्य होने के बाद से संसद में इस मुद्दे पर बोल रहे हैं।

उन्होंने कहा, "संसद की 'मानसिकता' विशेष रूप से उत्तर भारत की, (इस मुद्दे पर) अनुकूल नहीं रही है। मुझे याद है कि जब मैं कांग्रेस का लोकसभा सदस्य था, मैं महिलाओं के लिए आरक्षण के मुद्दे पर संसद में बात करता था। एक बार अपना भाषण पूरा करने के बाद, मैं पीछे मुड़ा और देखा कि मेरी पार्टी के अधिकांश सांसद उठकर चले गए। इसका मतलब है कि मेरी पार्टी के लोगों के लिए भी, यह पचने योग्य नहीं था।"

राकांपा प्रमुख ने कहा कि सभी दलों को विधेयक को पारित कराने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए।

उन्होंने कहा, "जब मैं महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री था, तो जिला परिषद और पंचायत समिति जैसे स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण की शुरुआत की गई थी। शुरू में इसका विरोध किया गया था, लेकिन बाद में लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया।"