कब है माघ पूर्णिमा? इस दिन पृथ्वी पर देवता के आने की है मान्यता, जानें मुहूर्त

कब है माघ पूर्णिमा? इस दिन पृथ्वी पर देवता के आने की है मान्यता, जानें मुहूर्त
पौराणिक मान्यता है कि माघ मास की पूर्णिमा तिथि को देवलोक से देवतागण पृथ्वी पर आते हैं और भक्तों को अपने आशीर्वाद से अभिभूत करते हैं। इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व होता है।

1 नवंबर 22। हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा को सभी पूर्णिमा की तिथियों में विशेष स्थान प्राप्त है। हिंदू धर्म ग्रंथों में कार्तिक और माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि की महत्ता और उसकी श्रेष्ठता के बारे बताया गया है। पौराणिक मान्यता है कि माघ मास की पूर्णिमा तिथि को देवलोक से देवतागण पृथ्वी पर आते हैं और भक्तों को अपने आशीर्वाद से अभिभूत करते हैं। इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व होता है।

माघ पूर्णिमा 2023 कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा या माघी पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन गंगा नदी या पवित्र नदियों में स्नान करने और दान देने की परंपरा है। इस बार माघ पूर्णिमा का स्नान और दान 5 फरवरी 2023 को है। इस दिन अश्लेषा नक्षत्र और चंद्रमा कर्क राशि में विराजमान रहेंगे तथा आयुष्मान योग, रविपुष्य योग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा। इसे शुभ योग माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन सत्संग और कल्पवास कर पुण्य लाभ मिलता है।

माघ पूर्णिमा 2023 तिथि

  • माघ पूर्णिमा रविवार, 5 फरवरी 2023 को
  • माघ पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ : फरवरी 04, 2023 को 09:29 PM बजे
  • माघ पूर्णिमा तिथि समाप्त : फरवरी 05, 2023 को 11:58 PM बजे
  • माघ पूर्णिमा 2023 सूर्योदय : 07:07 AM
  • माघ पूर्णिमा 2023 सूर्यास्त : 06:03 PM

माघ पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त : 5 फरवरी को 05:23 AM से 06:15 AM
  • प्रातः सन्ध्या : 5 फरवरी को 05:49 AM से 07:07 AM
  • अभिजित मुहूर्त : 5 फरवरी को 12:13 PM से 12:57 PM
  • विजय मुहूर्त : 5 फरवरी को 02:25 PM से 03:08 PM
  • गोधूलि मुहूर्त : 5 फरवरी को 06:01 PM से 06:27 PM
  • रवि पुष्य योग : 5 फरवरी को 07:07 AM से 12:13 PM
  • सर्वार्थ सिद्धि योग : 5 फरवरी को 07:07 AM से 12:13 PM

चंद्रमा और लक्ष्मी की पूजा

माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा और मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। माघ पूर्णिमा की रात चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष दूर होता है। इस दिन रात को धन एवं वैभव की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा है।