पीएमटी प्रवेश घोटाले मामले में सीबीआई ने पेश किया पांच हजार से ज्यादा पन्नो का चालान

पीएमटी प्रवेश घोटाले मामले में सीबीआई ने पेश किया पांच हजार से ज्यादा पन्नो का चालान

ग्वालियर। आखिरकार सीबीआई ने बहुचर्चित पीएमटी फर्जीवाड़ा मामले में गत दिवस पूरक चालान पेश कर दिया। इस मामले में तीन पुराने और 57 नए अभियुक्त बनाए गए हैं। इस स्कैंडल में भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ. अजय गोयनका उनके कॉलेज के स्टाफ छात्र-छात्राएं और चिकित्सा शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है। अब इस मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट 28 जनवरी को सुनवाई करेगी। मामला दरअसल 2011 के पीएमटी फर्जीवाड़े से जुड़ा है। इस मामले में 2014 में शिकायत दर्ज की गई थी जिसकी जांच बाद में एसआईटी से सीबीआई ने अपने हाथ में ले ली थी और ग्वालियर झांसी रोड थाने में 2015 में जयप्रकाश , परमानंद वाधवा और सर्वेंद्र सिंह सहित अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी कूटरचित दस्तावेज बनाने परीक्षा अधिनियम और भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे। तीन आरोपियों के खिलाफ पहले ही चालान पेश कर दिया गया था। गुरुवार को 57 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई कोर्ट में चालान पेश किया गया है। सीबीआई ने करीब 5000 पन्नो के अभियोग पत्र में बताया है कि आरोपियों ने किस तरह से सरकारी कोटे की सीटों का अपने हित के लिए उपयोग किया है। इसमें मेडिकल के ही कुछ छात्र परीक्षार्थी बनके पीएमटी में अपना सिलेक्शन कराते थे। बाद में वे चिकित्सा शिक्षा विभाग और निजी मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों की मिलीभगत से अपनी सीट को वेकेट कर देते थे और अंतिम दिन कॉलेज की सभी सीटें फुल दिखा दिया करते थे। खाली सीटों पर लाखों रुपए लेकर एमबीबीएस में छात्रों को प्रवेश दिया जाता था। सीबीआई ने यह भी बताया है कि चिरायु मेडिकल कॉलेज में ही करीब 3 दर्जन से ज्यादा छात्र छात्राओं ने इस तरह से एमबीबीएस में प्रवेश किया है। इसमें चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ अजय गोयनका उनके प्रबंधन स्टाफ चिकित्सा शिक्षा विभाग के कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र शामिल है। एक आरोपी डॉ. रवि सक्सेना ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर बुधवार को आपत्ति जताई थी कि कोरोना संक्रमण के दौरान एक साथ मुलजिमों को कोर्ट में पेश होने में संक्रमण का खतरा होगा। इसलिए न्यायालय कोई व्यवस्था दे, जिसमें कोविड-19 गाइडलाइन का पालन हो सके।

आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी ने सीबीआई की विशेष कोर्ट में एक बंद लिफाफा दिया
मुल्जिमों में 70 साल के बुजुर्गों से लेकर 22 साल के युवा भी शामिल है। बुजुर्गों के लिए भी कोर्ट ने कहा है कि बेहद जरूरी होने की स्थिति में ही उन्हें कोर्ट में पेश किया जाए। सीबीआई द्वारा कोर्ट में पूरक चालान पेश किए जाने की सूचना आरोपियों को भी दी गई थी जो इस स्कैम में शामिल थे। करीब आधा दर्जन आरोपी कोर्ट में आए भी थे लेकिन वे पेश नहीं हुए ।अब इस मामले की 28 जनवरी को सुनवाई होगी और सभी आरोपियों को 5 -5 की संख्या में ही नोटिस भेजकर तलब किया जाएगा। इस बीच आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी ने सीबीआई की विशेष कोर्ट में एक बंद लिफाफा दिया है, जिसमें उन्होंने चार्जशीट की कॉपी देने और कुछ अन्य निजी मेडिकल कॉलेजों में इसी तरह के घोटाले होने का अंदेशा जताया है और उनकी जांच की मांग की है।