कभी देखा है खून का बहता झरना! वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए रहस्य

कभी देखा है खून का बहता झरना! वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए रहस्य
अंटार्कटिका महाद्वीप में कई ऐसी रहस्यमयी इलाके हैं जहां जोखिमों की भरमार है। यहां पूर्वी अंटार्कटिका में खून के झरने की खोज हुई थी जिसे हम ब्लड्स फॉल कहते हैं। ये ऐसा झरना है जो माइनस 17 डिग्री सेल्सियस के तापमान में भी जमता नहीं है। इसके रहस्य को वैज्ञानिक भी अभी तक सुलझा नहीं पाए हैं।

5 नवंबर 22। ये दुनिया रहस्यों से भरी हुई है। यहां कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें देखकर लोग हैरान हो जाते हैं। कई बार आंखों पर यकीन नहीं होता है। दुनिया में ऐसे कई रहस्य हैं जिनको सुलझाने के लिए वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं। कई बार वैज्ञानिक भी इन रहस्यों को सुलझा नहीं पाते हैं। आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां खून का झरना (Blood Falls) बहता हुआ दिखाई देता है। ये ऐसा झरना (Blood Falls ) है जो माइनस 17 डिग्री सेल्सियस के तापमान में भी जमता नहीं है। इसके रहस्य को वैज्ञानिक भी अभी तक सुलझा नहीं पाए हैं। इस ब्लड फॉल (Blood Falls) को साल 1911 में अमरीकी जीव विज्ञानी ग्रिफिथ टॉयलर ने खोजा था। ये झरना किसी पांच मंजिला इमारत जितना ऊंचा है।

वैज्ञानिकों को साल 1960 में पता चला कि गेल्श्यिर के नीचे लौह नमक (Iron Salts) मौजूद है। लौह नमक का मतलब फेरिक हाइड्रोक्साइड (Ferric Hydroxide)। साल 2009 में एक स्टडी से हैरान करने वाला खुलासा हुआ। इस ग्लेशियर के नीचे सूक्ष्मजीव होने की जानकारी मिली। इसके कारण ग्लेशियर से खून का झरना निकल रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस ग्लेशियर के नीचे 15 से 40 लाख साल से सूक्ष्मजीव रह रहे हैं। बहुत बड़े इकोसिस्टम का यह छोटा सा भाग है जिसे वैज्ञानिक खोज पाए हैं। वैज्ञानिकों को एक इलाके से दूसरे इलाके तक की खोज करने में दशकों लग जाएंगे। इस क्षेत्र में आना जाना और रहना बेहद कठिन है।