फिश फार्म पर खोजी अध्ययन: तमिलनाडु में मछली फार्म में पानी की गुणवत्ता सबसे खराब स्तर पर पाया गया

आंध्र प्रदेश, प. बंगाल व पुड्डूचेरी के फार्म में सीसा मिला, बिहार व ओडिशा के मछली फार्म पर्यावरण के लिए सबसे अधिक हानिकारक

फिश फार्म पर खोजी अध्ययन: तमिलनाडु में मछली फार्म में पानी की गुणवत्ता सबसे खराब स्तर पर पाया गया

कोरोना संक्रमण को लेकर चल रहे वैक्सीनेशन के बीच देश के 14 राज्यों में बर्ड फ्लू फैल चुका है। बर्ड फ्लू की वजह से कई राज्यों में चिकन और अंडे की शॉप बंद हैं। ऐसे में मछली और मटन की मांग बढ़ी है। लोग चिकन-अंडे के रिप्लेसमेंट के तौर पर इसका ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, परंतु अब आपको सोचना होगा कि आप जो मछली खा रहे हैं वह कितना सुरक्षित हैं। दरअसल, 241 फिश फार्म पर की गई एक इंवेस्टिगेटिव स्टडी में चैंकाने वाली बातें सामने आई हैं। 10 राज्यों के 241 मछली फार्मों पर की गई इस स्टडी में पता चला है कि इन फार्मों में सीसा और कैडमियम की ज्यादा मात्रा है। ये स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा मानकों का गंभीर उल्लंघन करती हैं। तमिलनाडु के कई शहरों में मछली फार्म में पानी की गुणवत्ता का सबसे खराब स्तर पाया गया, जबकि आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के साथ-साथ पुड्डूचेरी के फार्म में उच्च स्तर का सीसा मिला है। जो इंसान के लिए जानलेवा है। तमिलनाडुए बिहार और ओडिशा के मछली फार्म पर्यावरण के लिए सबसे अधिक हानिकारक पाए गए हैं।