नई चालः महाराष्ट्र सरकार ने आम सहमति वापस लेकर सीबीआई को दिया बड़ा झटका 

एक्ट के तहत सीबीआई को पूरे देश में जांच का अधिकार

नई चालः महाराष्ट्र सरकार ने आम सहमति वापस लेकर सीबीआई को दिया बड़ा झटका 

केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 1946 के तहत पूरे देश मे जांच का अधिकार मिला है और इसके लिए राज्य सरकारों की आम सहमति मिली है, लेकिन 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र सरकार ने आम सहमति वापस लेकर सीबीआई को बड़ा झटका दिया है। सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत के बाद अब एक बार फिर महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार की मोदी सरकार आमने-सामने हैं। जाहिर है कि बीजेपी को ये फैसला नागवार लग रहा है।

राजस्थान, छत्तीसगढ़ व पश्चिम बंगाल आम सहमति रद्द कर चुके हैं
बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने इस कदम पर कहा कि उद्धव ठाकरे यानी कांग्रेस-शिवसेना-एनसीपी की सरकार को लगता है कि सीबीआई से उनके घोटाले उजागर हो जाएंगे। वैसे महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले के पीछे टीआरपी घोटाले की जांच हाथ से निकलने का डर है। 20 अक्टूबर को लखनऊ में ऐसी ही एक टीआरपी केस की जांच सीबीआई को दे दी गई। महाराष्ट्र सरकार को शक है कि टीआरपी घोटाले में घिरी रिपब्लिक टीवी को बचाने के लिए केंद्र सरकार सीबीआई का दुरुपयोग कर सकती है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि हो सकता है कि मुंबई टीआरपी केस सीबीआई को देने का दबाव पड़ सकता है, इसलिए सीबीआई को इस राज्य में जांच के लिए सरकार की इजाजत लेनी होगी। ऐसा माना जा रहा है कि ठाकरे सरकार के इस फैसले से राज्य और केंद्र सरकार के बीच नया विवाद शुरू हो सकता है, लेकिन ऐसा करने वाली महाराष्ट्र कोई पहली राज्य सरकार नही है। इससे पहले राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल भी आम सहमति रद्द कर चुके हैं।