रांची से विधायकों को रायपुर एयरलिफ्ट करने की तैयारी, फ्लाइट बुक की गई

रांची से विधायकों को रायपुर एयरलिफ्ट करने की तैयारी, फ्लाइट बुक की गई
चुनाव आयोग के एक बड़े पदाधिकारी की मानें तो गेंद अभी भी राजभवन के पाले में हैं। चुनाव आयोग ने पहले ही मामले की पूरी जांच-पड़ताल के बाद अपना निर्णय सुना दिया है। आदेश राज्यपाल को जारी करना है। राजभवन के निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। राजभवन इस संबंध में गैजेट जारी करेंगे, जिसे राज्य निर्वाचन आयोग विधानसभा स्पीकर को देगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

30 अगस्त 22। झारखंड में सियासी हलचल के बीच गठबंधन दल के विधायकों को रायपुर (Preparations to airlift MLAs from Ranchi to Raipur)ले जाने की तैयारी की जा रही है। इसे लेकर रांची एयरपोर्ट में इंडिगो की स्पेशल फ्लाइट बुक की गई है। शाम साढ़े 4 बजे विधायकों को रायपुर शिफ्ट किया जा सकता है। सभी विधायक और मंत्री CM हाउस पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि यहां से बसों के जरिए विधायकों को एयरपोर्ट ले जाया जाएगा। फिर एयरपोर्ट से विधायकों को रायपुर भेजा जाएगा।

रायपुर एयरपोर्ट पर भी विधायकों के पहुंचे को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। विधायकों को एयरपोर्ट से बसों के जरिए नया रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट ले जाया जाएगा। शाम साढ़े 5 बजे तक विधायकों के रायपुर पहुंचने की खबर है। बताया जा रहा है कि रिसॉर्ट में 30-31 अगस्त की बुकिंग की गई है।

इधर सियासी संकट के बीच CM हेमंत सोरेन ने 1 सितंबर को कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इसमें जनता के हित से जुड़े कई अहम फैसले लेने संबंधी बातें कही जा रही है।(Preparations to airlift MLAs from Ranchi to Raipur)

क्या है खनन पट्टे का मामला?

10 फरवरी को पूर्व CM रघुवर दास के नेतृत्व में BJP के एक डेलिगेशन ने गवर्नर से मुलाकात की थी। BJP ने राज्यपाल से CM सोरेन की सदस्यता रद्द करने कि मांग की थी। BJP ने आरोप लगाया था कि CM सोरेन ने पद पर रहते हुए रांची के अनगड़ा में 88 डिसमिल पत्थर माइनिंग लीज लिया है। BJP का आरोप है कि यह लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RP) 1951 की धारा 9A का उल्लंघन है। गवर्नर ने BJP की यह शिकायत चुनाव आयोग को भेजी।

दल-बदल मामले में बाबूलाल मरांडी पर सुनवाई पूरी

दल-बदल मामले में मरांडी पर सुनवाई पूरी हो गई है। इसपर किसी भी वक्त भी फैसला आ सकता है। दरअसल बाबूलाल मरांडी पर झाविमो (झारखंड विकास मोर्चा) के सिंबल पर विधानसभा चुनाव 2019 में निर्वाचित होने के बाद भाजपा में शामिल हो गए। मरांडी ने कहा कि उन्होंने झाविमो का विलय भाजपा में नियमानुसार किया है। तीन विधायकों में से दो को निष्कासित करने के बाद पार्टी में बचे एक मात्र विधायक ने पार्टी का विलय करने का निर्णय किया। यह दल-बदल का मामला नहीं बनता है। झाविमो में भाजपा के विलय को निर्वाचन आयोग की मंजूरी भी मिल चुकी है। जबकि शिकायतकर्ता विधायक दीपिका पांडेय सिंह और प्रदीप यादव की तरफ से कहा गया कि झाविमो का भाजपा में दो तिहाई बहुमत से विलय नहीं हुआ है। यह दल-बदल का मामला बनता है।