एससीओ की बैठक: चीन की वन बेल्ट, वन रोड परियोजना का समर्थन नहीं करता भारत

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपना पक्ष रखा पाक, रूस सहित कई देशों ने किया समर्थन 

एससीओ की बैठक: चीन की वन बेल्ट, वन रोड परियोजना का समर्थन नहीं करता भारत

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की सोमवार को बैठक हुई. इस बैठक में चीन की महत्वाकांक्षी वन बेल्ट, वन रोड (ओबीओआर) परियोजना का भारत ने फिर विरोध किया. भारत कई बार चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को लेकर अपना विरोध जता चुका है जो कि ओबीओआर परियोजना का हिस्सा है और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है. संगठन में शामिल अन्य देशों ने परियोजना का समर्थन किया. एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद की 19वीं बैठक के समापन पर जारी एक संयुक्त विज्ञप्ति में कहा गया कि कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने चीन की ‘वन बेल्ट, वन रोड’ पहल के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की. इस बैठक में रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने हिस्सा लिया जबकि पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व विदेश मामलों की संसदीय सचिव ने किया. भारत की ओर से उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पक्ष रखा. चीन का नाम लिए बिना उपराष्ट्रपति ने कहा कि व्यापार निष्पक्ष होने के लिए सभी सदस्यों को पारदर्शी होना चाहिए. वेंकैया नायडू ने पाकिस्तान की करतूत का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि भारत कई जगहों से आतंकवाद के पनपने से चिंतित है. आतंकवाद को एक सरकारी नीति के तौर पर बढ़ावा दिया जा रहा है. इस तरह का रवैया ैब्व् के सिद्धांत और विचारों के खिलाफ है.