इस उद्योगपति की डील ने रचा इतिहास, अब देश मे ही बनेंगे सेमीकंडक्टर

भारत के जाने माने उद्योगपति और मेटल किंग के नाम से विख्यात अनिल अग्रवाल ने भारत में सेमीकंडक्टर बनाने की दिशा में ऐसा कदम उठा दिया है, जिससे एक तरफ भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर आगे कदम बढ़ाएगा दूसरी तरफ चीन का इस क्षेत्र में प्रभुत्व कम होगा और चीन का निर्यात कम होने के साथ उसकी चिंताएं बढ़ेंगी।

इस उद्योगपति की डील ने रचा इतिहास, अब देश मे ही बनेंगे सेमीकंडक्टर
अनिल अग्रवाल ने अपने एक और ट्वीट में लिखा कि भारत की अपनी सिलिकॉन वैली अब लक्ष्य के एक क़दम और क़रीब आ गई है। भारत न केवल अब अपने लोगों की डिज़िटल ज़रूरतों को पूरा कर सकेगा बल्कि दूसरे देशों को भी भेज सकेगा। चिप मंगाने से चिप बनाने तक की यह यात्रा अब आधिकारिक तौर पर शुरू हो गई है।

15 सितंबर 22।ऐसे मौके किसी उद्योगपति के जीवन में बहुत कम आते हैं जब वे इतिहास रचने जैसी घोषणाएं करते हैं और देश के प्रधानमंत्री उनकी इस उपलब्धि की दाद देते हैं। लेकिन मौजूदा सप्ताह ऐसे ही एक पल का साक्षी बना है। वेदान्ता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Vedanta Group Chairman Anil Agarwal)के 4 ट्वीट इन दिनों चर्चा में बना हुए हैं। इन चार में से पहले ट्वीट में अनिल अग्रवाल ने लिखा है कि, '' इतिहास रच दिया गया है! यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि गुजरात में नया वेदांत-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित किया जाएगा। वेदांता का ₹1.54 लाख करोड़ का ऐतिहासिक निवेश भारत में #आत्मनिर्भर सिलिकॉन वैली को एक वास्तविकता बनाने में मदद करेगा।

सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले एफएबी निर्माण के लिए MoU

जी हां, हम बात कर रहे हैं, अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली (Deal between Vedanta Limited and Foxconn Company of Taiwan)वेदांता लिमिटेड और ताइवान की फॉक्सकॉन कंपनी के बीच किए गए समझौते की। अग्रवाल की कंपनी ने राज्य में 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले एफएबी निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए गुजरात सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव उपस्थित रहे। इस अवसर पर गुजरात सरकार के शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जीतूभाई वघानी भी उपस्थित थे।

अनिल अग्रवाल ने अपने एक और ट्वीट में लिखा कि "भारत की अपनी सिलिकॉन वैली अब लक्ष्य के एक क़दम और क़रीब आ गई है। भारत न केवल अब अपने लोगों की डिज़िटल ज़रूरतों को पूरा कर सकेगा बल्कि दूसरे देशों को भी भेज सकेगा। चिप मंगाने से चिप बनाने तक की यह यात्रा अब आधिकारिक तौर पर शुरू हो गई है।"