राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चा वार्ड में 8 घंटे में 9 नवजातों की मौत

एनआईसीयू-ईसीजी मशीन का चार्जिंग सिस्टम हो गया था खराब वार्ड में नर्सिंग स्टाफ एवं स्टाफ सोता रहा

राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चा वार्ड में 8 घंटे में 9 नवजातों की मौत

राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में एनआईसीयू-ईसीजी मशीन का चार्जिंग सिस्टम खराब होने से 9 दिसंबर को 8 घंटे में 9 नवजातों की मौत हो गई। जेके लोन अस्पताल में नवजातों की मौत और चिकित्सा व्यवस्थाओं की समीक्षा को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने निवास पर जिला कलेक्टर एवं चिकित्सा अधिकारियों की बैठक बुलाई है। चाइल्ड वार्ड के नर्सिंग रूम में कर्मचारी सोते मिले। जनरल वार्ड में एक भी नर्सिंग स्टाफ नहीं था। रावतभाटा से प्यारचंद अपने बच्चे को जेके लोन अस्पताल लाए थे। दोपहर 3 बजे अस्पताल पहुंचे। 2 साल के बच्चे के खून चढ़ना था। काफी जद्दोजहद के बाद खून की व्यवस्था की। बच्चे के रात में खून चढ़ाया गया। खून पूरा चढ़ने के बाद भी उसे हटाने कोई नहीं आया। वार्ड में कोई स्टाफ नहीं था। प्यारचंद खुद पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट में गए। नर्सिंगकर्मी को समस्या बताई, तब जाकर वह पहुंचा। बच्चे का बुखार नहीं उतर रहा था। यह बात जब कर्मी को बताई तो उसने कहा कि धीरे से ही बुखार उतरेगा। जेके लोन अस्पताल में 9 नवजात बच्चों की मौत का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मचा। कलेक्टर, कमिश्नर, चिकित्सा मंत्री और नगरीय विकास मंत्री ने अधिकारियों से फीडबैक लिया। व्यवस्थाओं और संसाधनों की जानकारी जुटाई। मंत्री के निर्देश के बाद कमिश्नर और कलेक्टर ने अस्पताल का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उसके बाद भी अस्पताल प्रशासन और हालात जस के तस नजर आए।