झारखंड में बीजेपी नहीं कर पाई खेला, हेमंत सरकार ने जीता विश्वास मत

सीएम हेमंत सोरेन ने विधानसभा में विश्वात मत को हासिल कर लिया है। हेमंत सोरेन सरकार के पक्ष में 81 में ले 48 वोट पड़े। वहीं विश्वास प्रस्ताव के विरोध में शून्य मत पड़े। सभी विपक्षी सदस्यों ने मतदान का बहिष्कार किया। विपक्ष के सभी विधायक वोटिंग होने के पहले ही सदन से बाहर चले गए।

झारखंड में बीजेपी नहीं कर पाई खेला, हेमंत सरकार ने जीता विश्वास मत
विश्वास मत प्रस्ताव पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार 1932 खतियान के आधार पर स्थानीयता निर्धारित करने पर जल्द फैसला लेगी। 82 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में सोमवार को करीब डेढ़ घंटे तक चली बहस के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी और केंद्रीय की एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा।

5 सितंबर 22।   झारखंड विधानसभा में हेमंत सोरेन(CM Hemant Soren) के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार ने सदन में विश्वास मत हासिल कर लिया है। सरकार के पक्ष में 48 वोट पड़े। वहीं (BJP walks out of the house)बीजेपी सदन से वॉक आउट कर गई। विश्वास मत के पक्ष में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 30 में से 29 विधायकों ने मतदान किया, जबकि जेएमएम के रविंद्र नाथ महतो स्पीकर है। इस वजह से उन्होंने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। इसके अलावा कांग्रेस के 18 में से 15, राजद के एक, भाकपा माले के एक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक और एक मनोनीत विधायक ने मतदान किया।

विश्वास मत प्रस्ताव पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार 1932 खतियान के आधार पर स्थानीयता निर्धारित करने पर जल्द फैसला लेगी। 82 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में सोमवार को करीब डेढ़ घंटे तक चली बहस के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी और केंद्रीय की एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा।

विश्वात मत के पक्ष में पड़े कुल 48 वोट

विश्वास मत के पक्ष में कुल 48 वोट पड़े। कैश कांड में गिरफ्तार कांग्रेस के तीन विधायक विधानसभा नहीं पहुंचे थे। जबकि भाजपा के 26, आजसू पार्टी के दो और दो निर्दलीय विधायकों ने वोटिंग का बहिष्कार किया। सदन में लाए गए विश्वास प्रस्ताव के विरोध में शून्य मत पड़े। सभी विपक्षी सदस्यों ने मतदान का बहिष्कार किया। वोटिंग होने के पहले ही सदन से बाहर चले गए।

ये था विधानसभा में आंकड़ों का गणित

81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में JMM के 30, कांग्रेस के 18 और RJD का एक सदस्य है। इसके अलावा भाकपा माले और राष्ट्रवादी कांग्रेस के एक-एक विधायक का भी हेमंत सरकार को समर्थन है। कांग्रेस के तीन विधायक पिछले दिनों कोलकाता में कैश के साथ पकड़े गये थे। उन्हें जमानत तो मिली है, लेकिन कोलकाता के बाहर जाने की इजाजत नहीं है। इस स्थिति में वे सत्र में उपस्थित नहीं हो पाएं। इन्हें माइनस करने के बाद भी सदन में सत्ताधारी गठबंधन और उन्हें समर्थन देने वाले विधायकों का संख्याबल 48 होता है। जबकि विश्वास मत के लिए न्यूनतम 42 विधायकों की जरूरत है।