भाजपा और कांग्रेस दोनों शर्म करो, आपकी वजह से ग्वालियर में संक्रमितों की संख्या पहुंच गई 6000 पार, अब हर दिन निकल रहे हैं 200 से 250 कोरोना पॉजीटिव

भाजपा और कांग्रेस दोनों शर्म करो, आपकी वजह से ग्वालियर में संक्रमितों की संख्या पहुंच गई 6000 पार, अब हर दिन निकल रहे हैं 200 से 250 कोरोना पॉजीटिव

आखिरकार वहीं हुआ, जिसका डर था। ग्वालियर में मंगलवार सुबह तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 6000 के आंकड़े को पार कर गई। ग्वालियर में अब कोरोना की चपेट में आए मरीजों की संख्या 6048 हो गई है और यह आंकड़े एकदम से बढ़े हैं और शहर के लोगों की जुबां पर इसकी एक ही वजह बने हैं, वे है नेता। पिछले महीने अगस्त के अंतिम सप्ताह में भाजपा ने कांग्रेस पार्टी को छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कराने महासदस्यता अभियान तीन दिन तक चलाया। दावा किया कि 76 हजार लोगों ने कांग्रेस छोड़ी और भाजपा ज्वाइन कराई गई। इसके लिए पूरे अंचल से बसों में भरकर लोगों को ग्वालियर शहर में लाया गया। इसके तुरंत बाद कांग्रेस ने भी अपने सदस्यता कार्यक्रम किए और उनके एक बड़े नेता व पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा तक लंबे-चौड़े काफिले और भीड़ को लेकर ग्वालियर शहर में कार्यक्रम करते देखे गए। दोनों जिम्मेदार पार्टियों के इस गैर जिम्मेदाराना रवैये के बाद ही शहर में अचानक से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ते लगी। अब हालत यह है कि हर दिन ग्वालियर में 200 से 250 कोरोना पॉजीटिव मरीज सामने आ रहे हैं। 

हद है कि खुद मुख्यमंत्री, सिंधिया जैसे दिग्गजों ने जुटाई भीड़

आश्चर्य की बात तो यह है कि खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक मंत्रियों ने लोगों की यह भीड़ ऐसे समय में जुटाई जब ये लोग खुद ही सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का पालन करने का ढोल पीट रहे थे। तीन दिन तक शहर में जगह-जगह से बुलाए गए लोगों और सोशल डिस्टेंसिंग के सभी नियमों को तार-तार करने वाले खुद भाजपा और कांग्रेस के नेता रहे। अब इसका खामियाजा शहर भुगत रहा है। 

जबकि इंदौर में मोहरर्रम का जुलूस निकालने पर आम लोगों पर दर्ज हुई एफआईआर
इंदौर के खजराना इलाके में कुछ लोगों ने मोहरर्रम का जुलूस निकाला। वहां के कलेक्टर ने जुलूस निकालने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं करने के मामले में 13 आम लोगों पर आईपीसी की धारा 188, 269, 270 के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया। अब सवाल यहां उठता है कि आम लोग गलती करें तो उनके खिलाफ आईपीसी की धाराओं में केस दर्ज होता है लेकिन जिन नेताओं पर काननू का राज कायम कराने की जिम्मेदारी है, जब वे ही नियमों का उल्लंघन कर भीड़ जुटाते हैं और उसके बाद अचानक से ग्वालियर में कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ता है तो फिर जिम्मेदार नेताओं पर भी कार्रवाई क्यों नहीं हो सकती। जबकि इसी मामले में मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने जनहित याचिका के तहत फैसला सुनाया था कि नियमों का उल्लंघन करने वाले कोई भी हों,कानून को अपना काम करना चाहिए। इसलिए यहां द लीड स्टोरी का सुझाव है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के जिम्मेदार नेता थोड़ी जिम्मेदारी दिखाएं और उपचुनाव में जीत के लिए ऐसा कोई काम न करें जिससे शहर में  कोरोना संक्रमण काबू से बाहर हो जाए।