खाद्य विभाग ने लगाया 3 लाख जुर्माना, कोर्ट ने घटाकर किया 35 हजार

खाद्य विभाग विभााग ने व्‍यापारी पर 3 लाख का जुर्माना लगाया, लेकिन कोर्ट ने उसे कम कर 35 हजार रुपए कर दिया।

खाद्य विभाग ने लगाया 3 लाख जुर्माना, कोर्ट ने घटाकर किया 35 हजार

  ग्वालियर। जिला एवं सत्र न्यायालय से मावा कारोबारी को बड़ी राहत मिल गई। खाद्य विभाग ने व्यापारी के ऊपर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था, जिसे कोर्ट ने घटाकर 35 हजार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह न्याय संगत नहीं है। न्याय निर्णय अधिकारी ने जुर्माना करते वक्त तथ्यों को ध्यान में नहीं रखा। 21 जुलाई 2019 को खाद्य विभाग की टीम ने मोर बाजार में मयंक सिंघल की दुकान पर छापा मारा था। यहां पर विक्रय के लिए मावा रखा हुआ था। विभाग के अधिकारियों ने अपना परिचय देते हुए मावे के नमूने लिए। नमूने सील बंद करके पंचनामा तैयार किया। जांच के लिए लैब भेज दिया गया। लैब की रिपोर्ट में मावा मानकों पर खरा नहीं उतरा। उसके बाद न्याय निर्णय अधिकारी ने व्यापारी पर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इस जुर्माने के आदेश के खिलाफ व्यापारी ने जिला न्यायालय में अपील की। अपीलार्थी ने तर्क दिया कि जिस बर्तन में नमूने लिए गए, वह अच्छे से साफ नहीं किया। मावा खरीदा गया था, उसका विक्रय मूल्य पूरा नहीं दिया। नोटिस देकर अपीलार्थी का पक्ष भी नहीं सुना। उसके खिलाफ न्याय निर्णय अधिकारी ने जो आदेश पारित किया है, वह गलत है। उसे निरस्त किया जाए। विभाग की ओर से तर्क दिया गया कि आदेश पारित करने में कोई भूल नहीं की है। अपीलार्थी को पक्ष रखने का पूरा मौका दिया गया था। मावा का नमूना अमानक पाया गया था, यह मानव विक्रय के लिए रखा था। इसलिए अपील को खारिज किया जाए। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जुर्माने की राशि में बदलाव किया। 3 लाख के जुर्माने को घटाकर 35 हजार रुपये कर दिया, इससे व्यापारी को बड़ी राहत मिल गई। यहां बता दें कि न्यायालय पूर्व में भी ऐसे प्रकरणों में जुर्माने की राशि को कम कर चुका है।