महिला लोके पायलट, महिला ही गार्ड और महिला ही टीसी, जाने ऐसा क्यों हुआ आज बुंदेलखंड एक्सप्रेस में

वीरांगना लक्ष्मीबाई (झांसी) रेलवे स्टेशन से बुंदेलखंड एक्सप्रेस को महिला कर्मचारी ही ग्वालियर तक लेकर आईं

महिला लोके पायलट, महिला ही गार्ड और महिला ही टीसी, जाने ऐसा क्यों हुआ आज बुंदेलखंड एक्सप्रेस में

ग्वालियर।  वाराणसी से चलकर ग्वालियर तक आने वाली ट्रेन क्रमांक 11108 बुंदेलखंड एक्सप्रेस में मंगलवार को नजारा कुछ बदला-बदला सा नजर आया। वैसे तो इस ट्रेन में पुरुष व महिला रेल कर्मचारी दोनों की ड्यूटी लगती है, लेकिन महिला दिवस के अवसर पर ट्रेन की कमान महिला रेल कर्मचारियों ने संभाली। वीरांगना लक्ष्मीबाई (झांसी) रेलवे स्टेशन से बुंदेलखंड एक्सप्रेस को महिला कर्मचारी ही ग्वालियर तक लेकर आईं। ट्रेन के इंजन में लोको पायलट पूनम शाक्य कंट्रोल संभाले हुए थीं, वहीं उनके सहयोगी के तौर पर वरिष्ठ सहायक लोको पायलट भारती श्रीवास्तव मौजूद थीं। ट्रेन को सिग्नल देने का काम ट्रेन मैनेजर शिवानी वर्मा ने संभाला। इस दौरान यात्रियों के टिकट चेक करने के लिए महिला टिकट चेकिंग स्टाफ को पदस्थ किया गया था। इस ट्रेन के वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन पर पहुंचने का समय सुबह 5:55 बजे निर्धारित है, लेकिन ट्रेन 18 मिनट की देरी से पहुंची। ट्रेन को रिसीव करने मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक नवीन दीक्षित, वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबन्धक (द्वितीय) अखिल शुक्ला, स्टेशन निदेशक नीरज भटनागर, जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इसके बाद ये 24 मिनट की देरी से रवाना हुई, लेकिन ग्वालियर पर यह ट्रेन सही समय से पहुंच गई। दरअसल, महिला दिवस के अवसर पर रेलवे द्वारा महिला कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए नए-नए प्रयोग किए जाते हैं। ये पहल भी उसी का हिस्सा है। प्रतिवर्ष बुंदेलखंड एक्सप्रेस को इसी प्रकार से महिला कर्मचारी की संचालित कर वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन से ग्वालियर तक लाती हैं। उसी क्रम में इस वर्ष भी इस ट्रेन का संचालन महिला कर्मचारियों के माध्यम से कराया गया। ग्वालियर स्टेशन पहुंचने पर स्टेशन निदेशक लालाराम सोलंकी, स्टेशन प्रबंधक पी. जार्ज थामस सहित संचालन विभाग के अफसरों ने इस ट्रेन को रिसीव किया और कर्मचारियों को महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं।