इमरान ख़ान ने फिर की भारत की तारीफ़, कहा - ये होता है आज़ाद मुल्क़

इमरान ख़ान ने फिर की भारत की तारीफ़, कहा - ये होता है आज़ाद मुल्क़
इमरान ख़ान ने कहा, "ये होता है आज़ाद मुल्क। हमारे यहाँ इंपोर्टड हुकूमत जब आई, तब तक हमने रूसियों से सस्ता तेल लेने की बात कर ली थी। लेकिन इनकी हिम्मत नहीं थी कि (अमेरिका से) कहें कि हमारे लोग महंगाई झेल रहे हैं।"

16 अगस्त 22। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने एक बार फिर भारत की "स्वतंत्र विदेश नीति" की प्रशंसा की है। उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की रूस से तले ख़रीदने के मसले पर अमेरिकी दवाब को नज़रअंदाज़ करने की भी तारीफ़ की।

इमरान ख़ान पाकिस्तान की 75वीं वर्षगांठ पर लाहौर में हुई अपने पार्टी पाकिस्तान तहरीके इंसाफ़ की रैली में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि अमेरिका के लगातार दवाब के बावजूद भारत रूस से सस्ता तेल ख़रीदने पर अडिग रहा। इमरान ख़ान ने कहा कि भारत ने रूसी तेल इसलिए ख़रीद क्योंकि ऐसा करना लोगों के हित में है, लेकिन पाकिस्तान की शहबाज़ शरीफ़ की सरकार कहती है कि पाकिस्तान के लिए बिना अमेरिकी समर्थन के जीना संभव नहीं है।

इमरान ख़ान ने रैली के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की एक प्रेसवार्ता का वीडियो प्ले किया और कहा, "भारत के विदेश मंत्री को हुक्म दिया कि आप रूस से तेल न ख़रीदें। हिंदूस्तान अमेरिका का 'रणनीतिक सहयोगी' है। हमारा कोई अमेरिका के ख़िलाफ़ एलांयस नहीं है। इसके बावजूद देखें रूस से तेल ख़रीदने को मना करना पर उनके विदेश ने क्या कहा।"

इसके बाद इमरान ख़ान ने रैली के एक बड़े स्क्रीन पर जून 2022 का भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का एक वीडियो चलाया।

ये वीडियो स्लोवाकिया में हई 'ग्लोबसेक-2022 ब्रातिस्लावा फ़ोरम' का था। रूस से तेल ख़रीदने के विषय पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा था कि कोई भी देश भारत को अपने लोगों के लिए एक बेहतर डील करने से नहीं रोक सकता। एस जयशंकर के इस जवाब ने भारत समेत दुनिया भर के मीडिया में सुर्खियां बटोरी थीं।

 वीडियो चलाने के बाद इमरान ख़ान ने कहा, "ये होता है आज़ाद मुल्क। हमारे यहाँ इंपोर्टड हुकूमत जब आई, तब तक हमने रूसियों से सस्ता तेल लेने की बात कर ली थी। लेकिन इनकी हिम्मत नहीं थी कि (अमेरिका से) कहें कि हमारे लोग महंगाई झेल रहे हैं।"

इमरान ख़ान ने पाकिस्तानी की शहबाज़ शरीफ़ सरकार पर हमला करते हुए कहा, "वो हिंदुस्तान जो हमारे साथ आज़ाद हुआ था, उनमें इतनी ख़ुद्दारी है कि वो अपने लोगों की ज़रुरतों के मुताबिक अपनी फ़ॉरेन पॉलिसी बनाते हैं। तो ये हमारे कौन (शहबाज़ शरीफ़ सरकार की तरफ़ संकेत) आ गए हैं जो उनके पैरों में लेटे हुए हैं।"

अमेरिका पर आक्रामक इमरान

क्रिकेट से सियासत में आए 69 वर्षीय इमरान ख़ान की राजनीतिक पार्टी पिछले महीने पाकिस्तान संसद में अविश्वास प्रस्ताव हार गई थी। उसके बाद विपक्षी की सरकार अस्तित्व में आई जिसने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के भाई शहबाज़ शरीफ़ को प्रधानमंत्री बनाया था। लेकिन इमरान ख़ान ने बार-बार दोहराया है कि उनकी सरकार गिराने के पीछे अमेरिका का हाथ है क्योंकि उनकी सरकार एक स्वतंत्र विदेशी नीति अपना रही थी।

ये पहली बार नहीं है कि जब पाकिस्तान तहरीके इंसाफ़ (पीटीआई) के चेयरमैन ने एक स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने के लिए भारत की तारीफ़ की हो।

इसी वर्ष मई के महीने में उन्होंने भारत को स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने की प्रशंसा करते हुए कहा था कि अमेरिका की हिम्मत नहीं है कि वो भारत को डिक्टेट करे क्योंकि भारत एक आज़ाद मुल्क़ है।