जस्टिस यूयू ललित ने देश के 49वें सीजेआई के रूप में पद की शपथ ली
27 अगस्त 22। आज देश के 49वें नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस उदय उमेश ललित ने शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सीधे बार से सुप्रीम कोर्ट में जज बनने वाले जस्टिस ललित (Justice UU Lalit)16 जज हैं। वहीं देश के सीजेआई के पद तक पहुंचने वाले दूसरे वकील हैं।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित सादे शपथ समारोह के दौरान समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कानून मंत्री किरेन रिजीजू, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज जस्टिस एस के कोल, एजी के के वेणुगोपाल, एस जी तुषार मेहता सहित कई मंत्री, विपक्ष के नेता, सुप्रीम कोर्ट जज और विधिवेता मौजूद रहे।
बता दें कि जस्टिस ललित(Justice UU Lalit) भारत के 49वें चीफ जस्टिस हैं। इनका कार्यकाल 8 नवंबर 2022 तक होगा। मौजूदा चीफ जस्टिस एनवी रमण आज रिटायर हो गए। जस्टिस ललित को 2014 में सीधे बार से सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस बनाया गया था। इससे पहले 1971 में जस्टिस एस एम सिकरी पहले चीफ जस्टिस थे जो सीधे बार से आए थे। जस्टिस ललित का कार्यकाल 8 नवंबर 2022 तक होगा। यानी बतौर चीफ जस्टिस उनका कार्यकाल तीन महीने से भी कम होगा।
शपथ ग्रहण से पहले निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश सीजेआई एनवी रमण के विदाई समारोह में उन्होंने तीन मुख्य सुधारों के बारे में बात की। जस्टिस यूयू ललित ने कहा, मेरा प्रयास रहेगा मामलों को सूचीबद्ध करने में पारदर्शिता हो। ऐसी व्यवस्था बना सकूं, जिसमें जरूरी मामले संबंधित पीठों के सामने स्वतंत्रता पूर्वक उठाए जा सकें। इसके अलावा कम से कम एक संविधान पीठ बना सकूं, जो सालभर काम करती रहे।
दरअसल, चार पीढ़ियों से यूयू ललित का परिवार न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है। जस्टिस ललित के दादा रंगनाथ ललित आजादी से पहले सोलापुर में एक वकील थे। जस्टिस यूयू ललित के 90 वर्षीय पिता उमेश रंगनाथ ललित भी एक पेशेवर वकील रह चुके हैं। बाद में उन्होंने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। इसके अलावा जस्टिस ललित के दो बेटे हर्षद और श्रेयश, जिन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। हालांकि, बाद में श्रेयश ललित ने भी कानून की ओर रुख किया। उनकी पत्नी रवीना भी वकील हैं।