नियमों में बदलाव, अब सेना प्रमुख नहीं बन पाएंगे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ!

तीनों सेनाध्यक्षों का कार्यकाल तीन साल की सर्विस या जब वे 62 वर्ष के हो जाते हैं, जो भी पहले हो, तक होता है। वास्तव में, सेना, नौसेना और वायु सेना के सेवानिवृत्त प्रमुखों पर सीडीएस के पद के लिए विचार किए जाने की संभावना नहीं है क्योंकि पद के लिए पात्र बनने की आयु 62 वर्ष रखी गई है।

नियमों में बदलाव, अब सेना प्रमुख नहीं बन पाएंगे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ!
भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ विपिन रावत (बीच में),दिसंबर 2021 में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से उनकी मौत हो गई थी, तभी से यह पद रिक्त है।

7 जून 22।  रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद से संबंधित तीन सशस्त्र बलों के नियमों में संशोधन के लिए एक अधिसूचना जारी की। नई गाइडलाइन के मुताबिक सीडीएस के पद के लिए सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल के समकक्ष पर विचार किया जा सकता है। जो लोग लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल के पद से सेवानिवृत्त हो गए हैं, लेकिन नियुक्ति की तारीख को उनकी उम्र 62 वर्ष से कम है, तो ऐसे में सीडीएस पद के लिए उनके नामों पर भी  विचार किया जाएगा।
ऐसी ही अधिसूचना सेना अधिनियम 1950 और नौसेना अधिनियम 1957 के तहत भी जारी की गई। तीनों सेनाध्यक्षों का कार्यकाल तीन साल की सर्विस या जब वे 62 वर्ष के हो जाते हैं, जो भी पहले हो, तक होता है। वास्तव में, सेना, नौसेना और वायु सेना के सेवानिवृत्त प्रमुखों पर सीडीएस के पद के लिए विचार किए जाने की संभावना नहीं है क्योंकि पद के लिए पात्र बनने की आयु 62 वर्ष रखी गई है।
दिसंबर 2021 से खाली है सीडीएस का पद
सेना के विभिन्न अंगों के बीच आपसी समन्वय को बढ़ाने के लिये चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद सृजित किया गया था, लेकिन यह पद पिछले साल दिसंबर से ही खाली है और इस पर नियुक्ति को लेकर कोई खास सुगबुगाहट भी नहीं है। दिसंबर 2021 में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से तत्कालीन सीडीएस जनरल विपिन रावत की मौत हो गई थी। वह देश के पहले सीडीएस थे और उनके निधन के बाद अब तक किसी और को इसकी जिम्मेदारी नहीं दी गई है।

जनरल रावत ने एक जनवरी 2020 को संभाली थी सीडीएस की कमान
बीच में ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि सेना प्रमुख के पद से 30 अप्रैल को रिटायर होने के बाद जनरल एम एम नरवणे को देश का दूसरा सीडीएस नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन यह बात भी अब कोरी अफवाह साबित हुई है। जनरल रावत दिसंबर 2019 में सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुये थे और उन्होंने एक जनवरी 2020 को सीडीएस के रूप में पदभार ग्रहण किया था।
क्यों बनाया गया था सीडीएस का पद
सीडीएस रक्षा मंत्री को थल सेना, नौ सेना और वायु सेना से संबंधित मामलों में मुख्य सैन्य सलाहकार की भूमिका निभाते हैं। सीडीएस पद का सृजन इस विचार के साथ किया गया था कि देश की सेना सम्मिलत होकर काम करे। इसका उद्देश्य प्रशिक्षण, खरीद, भर्ती और संचालन में देश की तीनों सेनाओं के बीच एकजुटता लाना था। सीडीएस सैन्य मामलों के विभाग के दायरे में आने वाले मामलों पर काम करते हैं। सीडीएस की अगुवाई वाली इकाई थल सेना, नौसेना और वायु सेना तथा तीनों के एकीकृत मुख्यालय से संबंधित मामलों को देखती है।