श्रद्धा का सैलाब : पुष्कर मेला कल से, सवा लाख दीपों से जगमगाएगा घाट

श्रद्धा का सैलाब : पुष्कर मेला कल से, सवा लाख दीपों से जगमगाएगा घाट
मंगलवार शाम सरोवर के 52 घाट सवा लाख दीपों की रोशनी से जगमगा उठेंगे। यहां दीपदान में पालिका प्रशासन को व्यवस्था सौंपी गई है। इसके अलावा कस्बे की विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राएं घाटों पर रंगोलियां बनाएंगे तथा दीपदान में हिस्सा लेंगे।

31 अक्टूबर 22। अजमेर जिले के Pushkar fair मैदान के प्रशासनिक कैम्प में गाेपाष्टमी तिथि मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत झंडारोहण कर धार्मिक पुष्कर मेले की औपचारिक शुरूआत करेंगे। तीर्थ पुरोहित संघ की ओर से ब्रह्म सरोवर के मध्य छतरी पर झंडारोहण कर पुरोहित भी मेले का आगाज करेंगे। इस दौरान पुष्कर सरोवर के घाट सवा लाख दीपों की रोशनी से जगमगा उठेंगे तथा सरोवर की महाआरती कर अन्नकूट प्रसाद वितरण किया जाएगा।

मंगलवार शाम सरोवर के 52 घाट सवा लाख दीपों की रोशनी से जगमगा उठेंगे। यहां दीपदान में पालिका प्रशासन को व्यवस्था सौंपी गई है। इसके अलावा कस्बे की विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राएं घाटों पर रंगोलियां बनाएंगे तथा दीपदान में हिस्सा लेंगे।

इस बार पुष्कर मेला 1 नवंबर से लेकर 9 नवंबर तक आयोजित होगा। यहां स्थित पुष्कर झील के बारे में कहा जाता है कि इसकी उत्पत्ति पुष्प और कर के मेल से हुई है। जहां पर ईश्वरीय शक्ति द्वारा एक पुष्प अपने हाथों से पृथ्वी पर गिराया गया था और जिस स्थान पर वह गिरा उस स्थान पर भगवान ब्रह्मा द्वारा भव्य यज्ञ का आयोजन किया गया। वहीं पुष्कर झील है। जिस कारण इस क्षेत्र का नाम पुष्कर पड़ा। पद्मपुराण में भी पुष्कर का वर्णन मिलता है। पुष्कर का वर्णन रामायण में भी हुआ है। इसे तीर्थों का मुख माना जाता है।

यहां यह भी बताना मुनासिब होगा कि भगवान ब्रह्मा त्रिदेवों में शामिल हैं, लेकिन शाप की वजह से उनका धरती पर केवल ही मंदिर है, जो पुष्कर में है। भगवान ब्रह्मा के दर्शन का पुण्य लाभ लेने दूर-दूर से हिंदू श्रद्धालु यहां आते हैं। इसके अलावा  इसे दुनिया का सबसे बड़ा ऊंट फेस्टिवल भी कहा जाता है। देश के कोने-कोने से सैलानी इसे देखने के लिए जाते हैं। विदेशी सैलानियों की भी इस मेले में अच्छी खासी भीड़ जुटी रहती है।