दीपावली आज, दिन में मुहुर्त नहीं, शाम 5 बजे के बाद ही कर पाएंगे पूजा

दीपावली आज, दिन में मुहुर्त नहीं, शाम 5 बजे के बाद ही कर पाएंगे पूजा
2000 साल बाद दीपावली पर बुध, गुरु, शुक्र और शनि खुद की राशि में रहेंगे। साथ ही लक्ष्मी पूजा के समय पांच राजयोग भी रहेंगे। ये ग्रह योग सुख-समृद्धि और लाभ का संकेत दे रहे हैं। इसलिए इस बार दिवाली बहुत शुभ रहेगी।

24 अक्टूबर 22। इस बार दीपावली पर दिन में पूजा के मुहूर्त नहीं है। 24 अक्टूबर को शाम 5 बजे के बाद से ही लक्ष्मी पूजा की जा सकेगी। क्योंकि कार्तिक अमावस्या इसी शाम को शुरू होगी और अगले दिन शाम 5 बजे तक रहेगी। लेकिन 25 को सूर्य ग्रहण रहेगा। इसलिए लक्ष्मी पूजा के मुहूर्त शाम और रात में ही रहेंगे।

2000 साल बाद दीपावली पर बुध, गुरु, शुक्र और शनि खुद की राशि में रहेंगे। साथ ही लक्ष्मी पूजा के समय पांच राजयोग भी रहेंगे। ये ग्रह योग सुख-समृद्धि और लाभ का संकेत दे रहे हैं। इसलिए इस बार दिवाली बहुत शुभ रहेगी।

दिवाली पूजा ऐसे करें

  1. पानी के लोटे में गंगाजल मिलाएं। वो पानी कुशा या फूल से खुद पर छिड़कर पवित्र हो जाएं।
  2. पूजा में शामिल लोगों को और खुद को तिलक लगाकर पूजा शुरू करें।
  3. पहले गणेश, फिर कलश उसके बाद स्थापित सभी देवी-देवता और आखिरी में लक्ष्मी पूजा करें।

गणेश पूजा की विधि

ॐ गं गणपतये नम: मंत्र बोलते हुए गणेश जी को पानी और पंचामृत से नहलाएं। पूजन सामग्री चढ़ाएं। नैवेद्य लगाएं। धूप-दीप दिखाएं और दक्षिणा चढ़ाएं।

विष्णु पूजा की विधि

मंत्र - ॐ विष्णवे नम:

भगवान विष्णु की मूर्ति को पहले पानी फिर पंचामृत से नहलाएं। शंख में पानी और दूध भर के अभिषेक करें। फिर कलावा, चंदन, अक्षत, अबीर, गुलाल और जनेऊ सहित पूजन सामग्री चढ़ाएं। इसके बाद हार-फूल और नारियल चढ़ाएं। मिठाई और मौसमी फलों का नैवेद्य लगाएं। धूप-दीप दिखाएं और दक्षिणा चढ़ाकर प्रणाम करें।

दीपक पूजन

मंत्र - ॐ दीपावल्यै नम:

1. एक थाली में 11, 21 या उससे ज्यादा दीपक जलाकर लक्ष्मी जी के पास रखें।
2. फूल और कुछ पत्तियां हाथ में लें। साथ में पूजन सामग्री भी लें।
3. मंत्र बोलते हुए फूल पत्तियां चढ़ाते हुए दीपमालिकाओं की पूजा करें।
4. धान भगवान गणेश, महालक्ष्मी और सभी देवी-देवताओं को भी अर्पित करें।

माता महालक्ष्मी का पूजन

धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित कर माता महालक्ष्मी के मंत्र का श्रद्धा अनुसार जाप करें। माता महालक्ष्मी का मंत्र इस प्रकार है-  

ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।

जप करने के बाद मां की आरती करें। अंत में पूजा में हुई किसी भी प्रकार की कमी या त्रुटि के लिए क्षमा याचना करें।

दीपावाली लक्ष्मी पूजा मुहूर्त

• कार्तिक अमावस्या तिथि आरंभ : 24 अक्तूबर 2022, शाम 05.27
• कार्तिक अमावस्या तिथि समाप्त : 25 अक्तूबर 2022, शाम 04.18
• लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल मुहूर्त (शाम) 07.02 शाम - 08.23 शाम (24 अक्तूबर 2022)
• लक्ष्मी पूजा निशिता काल मुहूर्त (मध्यरात्रि) - 24 अक्तूबर 2022, 11.46 रात - 25 अक्तूबर 12.37 दिन

(मुहुर्त को लेकर दुविधा में न पड़ें, फोटो पर दिया गया समय भी  शास्त्र संमत है)