कोरोना के गंभीर संक्रमण से जूझने वाले मरीजों को दान में मिले प्लाज्मा के लिए भी चुकाने पड़ रहे 10 से 30 हजार रुपए, प्रशासन नहीं दे रहा दखल, मरीजों को उनके हाल पर छोड़ा

कोरोना के गंभीर संक्रमण से जूझने वाले मरीजों को दान में मिले प्लाज्मा के लिए भी चुकाने पड़ रहे 10 से 30 हजार रुपए, प्रशासन नहीं दे रहा दखल, मरीजों को उनके हाल पर छोड़ा

कोरोना के गंभीर संक्रमण से जूझने वाले मरीजों को दान में मिले प्लाज्मा के लिए भी 10 से 30 हजार रुपए चुकाना पड़ रहे हैं। कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीज जिनके शरीर में इस बीमारी से लड़ने के लिए एंटी बॉडी बन चुके हैं, ऐसे लोगों को कुछ सामाजिक संस्थाओं की मदद से प्लाज्मा दान करने के लिए मनाया जाता है। वे दूसरे लोगों की जान बचाने निशुल्क प्लाज्मा दान भी करते हैं, लेकिन दान में मिले इस प्लाज्मा की कीमत लगाई जाती है। पहले जेएएच के ब्लड बैंक में 10 हजार रुपए जरूरतमंद मरीज के परिजनों को चुकाना होते हैं और इसके बाद प्राइवेट हॉस्पीटल में मरीजों से प्लाज्मा चढ़ाने के लिए 25 से 30 हजार रुपए अलग से लिए जाते हैं। बता दें कि जब मरीज की हालत गंभीर हो जाती है ओर जीवनरक्षक दवाएं मदद नहीं कर पाती हैं तो उसकी जान बचाने प्लाज्मा थैरेपी इस्तेमाल होती है, जिसमें कोरोना से ठीक हो चुके मरीज जिनके शरीर में एंटी बॉडी बन चुके होते हैं, उनसे प्लाज्मा लेकर संक्रमित मरीज के शरीर में चढ़ाया जाता है। अभी तक शहर में 67 गंभीर मरीजों को प्लाज्मा थैरेपी दी जा चुकी है।

प्रशासन चाहे तो प्लाज्मा की लूट हो सकती है बंद-

जिला प्रशासन चाहे तो प्लाज्मा के नाम पर होने वाली लूट एक दिन में बंद हो सकती है। क्योंकि शहर में जो भी प्राइवेट कोविड अस्पताल चल रहे हैं, उनको परमिशन तो कलेक्ट्रेट से ही दी जाती है। जिला कलेक्टर और एडीएम प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों और ब्लड बैंक के अधिकारियों को बुलाकर जब इस संबंध में चर्चा करेंगे और प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों को इस बात के लिए राजी करेंगे कि जो लोग दान में प्लाज्मा दे रहे हैं तो उस दान में मिले प्लाज्मा को जरूरतमंद गंभीर मरीज को निशुल्क ही चढ़ाया जाए। तो इस समस्या का समाधान भी हो सकता है।

हम कोशिश करेंगे लोगों को निशुल्क मिले प्लाज्मा।

कुछ सामाजिक संस्थाओं ने हमसे इस संबंध में शिकायत की है। हम इस मामले को दिखवा रहे हैं। कोशिश करेंगे कि कुछ ऐसी व्यवस्था बन जाए कि प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती गंभीर मरीजों को जरूरत पड़ने पर दान में मिले प्लाज्मा को निशुल्क रूप में ही चढ़ाया जाए और प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों को इस बात के लिए राजी करेंगे की वह भी दान में मिले प्लाज्मा को चढ़ाने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क जरूरतमंद मरीजों से ना वसूल करें।

आशीष तिवारी, अपर कलेक्टर ,ग्वालियर