हेल्थकेयर सेक्टर में उतरेगा अडानी ग्रुप, 1 बिलियन डॉलर की हो सकती है डील

पिछले महीने अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज की ओर से शेयर बाजार को सूचना दी थी कि ग्रुप की ओर से बड़े स्तर पर हॉस्पिटलों और डायग्नोस्टिक के अधिग्रहण की योजना है। इसके लिए अडानी इंटरप्राइजेज के तहत सहायक कंपनी अडानी हेल्थ वेंचर (Adani Health Ventures) का गठन किया गया था। वहीं, खबरें यह भी हैं कि इस बिजनेस में पैर जमाने के लिए अडानी ग्रुप की ओर से 4 बिलियन डॉलर खर्च करने वाला है।

हेल्थकेयर सेक्टर में उतरेगा अडानी ग्रुप,   1 बिलियन डॉलर की हो सकती है डील
अडानी ग्रुप न केवल हॉस्पिटलों और डायग्नोस्टिक के क्षेत्र में बल्कि ऑनलाइन और ऑफ लाइन दवाइयों के कारोबार में घुसने की विस्तृत योजना पर कार्य कर रहा है।— फाइल फोटो

7 जून 22।  अडानी ग्रुप के मुखिया और देश के दूसरे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी जल्द मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर (Metropolis Healthcare) में हिस्सेदारी खरीदने के लिए कोशिश कर रहे एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मेट्रोपोलिस को खरीदने के लिए अडानी और अपोलो ग्रुप के बातचीत चल रही है और यह डील करीब 1 बिलियन डॉलर की हो सकती है।
पिछले महीने अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज की ओर से शेयर बाजार को सूचना दी थी कि ग्रुप की ओर से बड़े स्तर पर हॉस्पिटलों और डायग्नोस्टिक के अधिग्रहण की योजना है। इसके लिए अडानी इंटरप्राइजेज के तहत सहायक कंपनी अडानी हेल्थ वेंचर (Adani Health Ventures) का गठन किया गया था। वहीं, खबरें यह भी हैं कि इस बिजनेस में पैर जमाने के लिए अडानी ग्रुप की ओर से 4 बिलियन डॉलर खर्च करने वाला है।
रिपोर्ट में बताया गया है अडानी ग्रुप न केवल हॉस्पिटलों और डायग्नोस्टिक के क्षेत्र में बल्कि ऑनलाइन और ऑफ लाइन दवाइयों के कारोबार में घुसने की विस्तृत योजना पर कार्य कर रहा है।
मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड की शुरुआत 1980 के दशक में सिर्फ एक लैब के रूप में हुई थी। डायग्नोस्टिक चेन वर्तमान में देश भर के 19 राज्यों में काम कर रही है।
पैथोलॉजी चेन को 2005 में आईसीआईसीआई वेंचर से 35 करोड़ रुपये की पहली फंडिंग मिली थी। बाद में, पीई फर्म वारबर्ग पिंकस ने कंपनी में 8।5 करोड़ डॉलर का निवेश किया, जिससे आईसीआईसीआई वेंचर से बाहर निकल गया।
गौरतलब है कि पिछले महीने 15 मई 2022 को अडानी ग्रुप ने स्विट्ज़रलैंड के होल्सिम ग्रुप से 10।5 बिलियन डॉलर (81,000 करोड़) में भारत का सीमेंट करोबार खरीद लिया था। यह भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर और मटेरियल सेक्टर में अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण था। इसके बाद अडानी ग्रुप के पास देश की चर्चित सीमेंट कंपनियों अंबुजा और एसीसी का कंट्रोल आ गया है। मौजूदा समय में अडानी ग्रुप 66 मिलियन टन सालाना उत्पादन क्षमता के साथ देश का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक है।

पिछले 8 वर्षों में अडानी ग्रुप ने पावर, ग्रीन एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर, एयरपोर्ट और फूड प्रोसेसिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में 30 से अधिक कंपनियों का अधिग्रहण किया है।