UAE में नई वीज़ा policy लागू, Indians को इससे फायदा या नुकसान, जानें

UAE में नई वीज़ा policy लागू, Indians को इससे फायदा या नुकसान, जानें
नई वीज़ा पॉलिसी की वजह से वहां नौकरी के लिए जाने वाले लोगों के लिए स्पॉन्सर या होस्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहां के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से तय पहली, दूसरी और तीसरी श्रेणी के तहत आने वाले पेशेवरों और दुनिया के 500 शीर्ष विश्वविद्यालयों के नए ग्रेजुएट जॉब वीज़ा के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

3 अक्टूबर 22।  यूएई में नई वीज़ा पॉलिसी लागू हो चुकी है। बड़ी संख्या में भारतीय यहां रोजगार की तलाश में जाते हैं। इस नई पॉलिसी से भारतीयों को फायदा होगा या नुकसान, इसे समझना महत्वपूर्ण है। आओ एक एककर इन पॉलिसी की कुछ महत्वपूर्ण बातों को समझते हैं।

दस साल का गोल्डन वीज़ा

गोल्डन वीज़ा यूएई में निवेश करने वालों विदेशी एंटरप्रेन्योर, रिसर्चर, मेडिकल प्रोफेशनल, विज्ञान और संबंधित फील्ड में काम करने वाले विशेषज्ञों और बेहद प्रतिभाशाली छात्रों और ग्रेजुएट को दिया जाता है।

यूएई में बेहतरीन प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए 2020 में गोल्डन वीज़ा स्कीम लागू की गई थी। गोल्डन वीज़ा स्कीम के तहत मिलने वाले वीज़ा की अवधि दस साल तक होगी।

गोल्डन वीज़ा धारकों को कई सहूलियतें हासिल होंगी। इनमें उनके बिजनेस पर उनका सौ फीसदी मालिकाना हक होगा। पहले देश से छह महीने बाहर रहने वाले लोगों का वहां रहने का अधिकार खत्म कर दिया जाता था। लेकिन दस साल की गोल्डन वीज़ा स्कीम में यह प्रतिबंध खत्म कर दिया गया है। इस स्कीम के तहत आप्रवासियों के घरेलू सहायकों की संख्या पर लगी सीमा हटा दी गई है।

नई स्कीम में गोल्डन वीज़ा होल्डर अपने जीवनसाथी और किसी भी उम्र के बच्चों को स्पॉन्सर कर सकते हैं। अगर गोल्डन वीज़ा होल्डर की मौत भी हो जाती है तो वीज़ा अवधि खत्म होने तक उसके परिवार के सदस्य वहां रह सकते हैं।

गोल्डन वीज़ा के तहत साइंस-इंजीनियरिंग, मेडिसिन, आईटी, बिज़नेस, प्रशासन और शिक्षा से जुड़े कुशल पेशेवर को यूएई में रहने की इजाजत दी जाएगी।

पहले ऐसे पेशेवरों को वहां रहने के लिए हर महीने 50 हजार एईडी (दिरहम) यानी लगभग 11 लाख रुपये से ज्यादा वेतन हासिल करना होता था लेकिन अब इसे घटा कर 30 हजार एईडी यानी 6।6 लाख रुपये कर दिया गया है।

ग्रीन वीज़ा

ग्रीना वीज़ा के आधार पर आप्रवासी वहां पांच साल तक के लिए रह सकते हैं। इसे री-न्यू भी कराया जा सकता है।

ये सेल्फ स्पॉन्सर्ड वीज़ा होगा। यानी इसके लिए यूएई के नागरिक, नियोक्ता को यहां आने वाले लोगों का वीज़ा स्पॉन्सर करने की जरूरत नहीं होगी। फ्रीलांसर, अपना रोजगार करने वाले, कुशल श्रमिक, निवेशक या उनके पार्टनर इस वीज़ा के हकदार होंगे।

ग्रीन वीज़ा होल्डर को ज्यादा फायदा मिलेगा। वे अपनी पत्नी या पति, बच्चों और नजदीकी रिश्तेदारों को वहां रहने के दौरान साथ रख सकेंगे। मां-बाप 25 साल तक के अपने बच्चों को वहां रख सकेंगे। पहले ये उम्र 18 साल तक थी। अविवाहित पुत्री या विकलांग बच्चों के केस में यह उम्र सीमा लागू नहीं है। ग्रीन कार्ड होल्डर को रेसिडेंस पीरियड खत्म होने पर छह महीने का ग्रेस पीरियड मिलेगा।

पर्यटकों और अन्य लोगों के लिए वीजा पॉलिसी

टूरिस्ट वीज़ा पर यूएई जाने वाले लोग वहां 60 दिन और रह सकते थे। पहले ये अवधि 30 साल थी।

इसके अलावा एक फ्लेक्सिबल मल्टी-एंट्री टूरिस्ट वीज़ा भी शुरू किया गया है, जिसमें पर्यटक 90 दिनों तक वहां रह सकता है और इस दौरान कई बार आ-जा सकता है। यूएई में बड़ी तादाद में पर्यटक आते हैं। यूएई का शहर दुबई बड़ा इंटरनेशनल शॉपिंग डेस्टिनेशन भी है।

नई वीज़ा पॉलिसी की वजह से वहां नौकरी के लिए जाने वाले लोगों के लिए स्पॉन्सर या होस्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहां के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से तय पहली, दूसरी और तीसरी श्रेणी के तहत आने वाले पेशेवरों और दुनिया के 500 शीर्ष विश्वविद्यालयों के नए ग्रेजुएट जॉब वीज़ा के लिए अप्लाई कर सकते हैं।