विपक्षी दल चिंतन मनन कर रहे, मोदी 2024 के लिए चला दिया 'ब्रह्मास्त्र'

ED की कार्रवाई पिछले दिनों काफी तेज हुई है और इसके एक्शन को लेकर विपक्षी दल सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर चर्चा नोटों की उन गड्डियों को लेकर भी है जिसको गिनने के लिए मशीन तक मंगानी पड़ी। ऐसे में क्या यह संभव नहीं कि यह चुनावी मुद्दा बने।

विपक्षी दल चिंतन मनन कर रहे, मोदी 2024 के लिए चला दिया 'ब्रह्मास्त्र'
इस वक्त ED शब्द की गूंज राजनीतिक गलियारों में सबसे अधिक सुनाई पड़ रही है। बंगाल में अभी नोटों की गड्डी देखकर लोगों का मुंह खुला का खुला ही है। मेहनत-मजदूरी करके कैसे भी घर चलाने वाले लोग जब ऐसी तस्वीरें देखते हैं तो उनके सामने यही सवाल कि इतना पैसा। यह एक ऐसा मुद्दा जिससे लोगों की भावनाएं अधिक से अधिक जुड़ी हो खासकर गरीब और मध्यम वर्ग से। इस राह पर बीजेपी आगे बढ़ चुकी है। 

4 जुलाई 22। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में अभी वक्त है लेकिन तैयारी शुरू है। खासकर बीजेपी की ओर से। विपक्ष के सामने वही सवाल हैं जो पिछले लोकसभा चुनाव के समय था। इन सबके बीच एक सवाल यह भी है कि आखिर बीजेपी (BJP) किस मुद्दे को लेकर आगे बढ़ेगी। प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) की ओर से क्या बड़ा फैसला होगा। कोरोना (Coronavirus) जैसी महामारी से निपटने के लिए भारत में अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई गई। रूस-यूक्रेन युद्ध का असर भारत पर कम से कम पड़ा है। सरकार की यह एक बड़ी उपलब्धि है लेकिन क्या सिर्फ इसी के सहारे बीजेपी चुनावी मैदान में जाएगी। शायद ऐसा नहीं है। एक ऐसा मुद्दा जिससे लोगों की भावनाएं अधिक से अधिक जुड़ी हो खासकर गरीब और मध्यम वर्ग से। इस राह पर बीजेपी आगे बढ़ चुकी है। 

गलत तरीके से कमाया गया धन बनेगा मुद्दा

इस वक्त ED शब्द की गूंज राजनीतिक गलियारों में सबसे अधिक सुनाई पड़ रही है। बंगाल में अभी नोटों की गड्डी देखकर लोगों का मुंह खुला का खुला ही है। मेहनत-मजदूरी करके कैसे भी घर चलाने वाले लोग जब ऐसी तस्वीरें देखते हैं तो उनके सामने यही सवाल कि इतना पैसा। इसके साथ ही ईडी की कार्रवाई महाराष्ट्र में शुरू है। विपक्ष की ओर से यह कहा जा रहा है कि सरकार जानबूझकर निशाना बना रही है। हालांकि पब्लिक यह भी देख रही है कि ऐसे लोग भी पकड़े जा रहे हैं जिनके पास अकूत दौलत है। चुनाव में मुद्दा कुछ भी हो सकता है, लेकिन लोगों की भावनाएं भी ऐसे मुद्दों से जुड़ी होती हैं। जिस प्रकार एक के बाद एक छापेमारी हो रही है उससे इस बात के संकेत तो मिल रहे हैं कि आने वाले वक्त में यह चुनावी मुद्दा जरूर बनेगा। 

कश्मीर से धारा 370, राम मंदिर के बाद अब आगे की बात

यह दोनों मुद्दे ऐसे थे जिसको लेकर दूसरे दल भी भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते थे। हालांकि अब यह मुद्दा नहीं रहा और वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई और बीजेपी ने भी अपना वादा पूरा किया। 2024 से पहले संभव है कि राम मंदिर में दर्शन शुरू हो जाए। जैसे यह मांग पूरी हुई उसके बाद अपेक्षाएं भी बढ़ी हैं। एक ऐसा मुद्दा भी जिससे कार्यकर्ताओं में उत्साह और आम जनता को यह लगे कि सरकार कुछ बड़ा कर रही है। दिल्ली, बंगाल,महाराष्ट्र इन सब जगहों पर ईडी की पूछताछ और कार्रवाई हो रही है। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति... प्रधानमंत्री की वो बात जिसको लेकर पार्टी आगे बढ़ेगी। 

काला धन पर फिर एक बार जोर

ऐसा लगता है कि सरकार काले धन पर तेजी से चोट करने पर फिर से जोर दे रही है। काला धन भारत के मेहनती और संघर्षरत मध्यम और निम्न आर्थिक वर्गों को परेशान करता रहा है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने बाद भ्रष्टाचार पर चोट हुई है लेकिन यह खत्म नहीं हुआ है। भाई-भतीजावाद पर बीजेपी चोट करती रहती है, लेकिन इससे जुड़े भ्रष्टाचार को लेकर हमला और तेज करने की तैयारी है। चोट गलत तरीके से कमाए गए धन को लेकर है। कोई कितना भी बड़ा और रसूख वाला क्यों न हो किसी को भी नहीं छोडेंगे। इस वाली नीति पर सरकार आगे बढ़ रही है और चुनाव में भी इसका रंग जरूर दिखेगा।