मंकीपॉक्स को लेकर WHO का सबसे बड़ा अलर्ट : क्या है इसका मतलब?

टेड्रोस ने डब्ल्यूएचओ अलर्ट के लिए बुलाई गई प्रेस वार्ता में संवाददाताओं से कहा कि समिति के 9 सदस्य मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने के खिलाफ और 6 इसके पक्ष में थे। डब्ल्यूएचओ चीफ ने कहा, ’हालांकि मैं मंकीपाॅक्स वायरस के आउटब्रेक को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर रहा हूं। फिलहाल यह एक ऐसा प्रकोप है, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में फैल रहा है। खासकर उन लोगों में, जिनके कई सेक्सुअल पार्टनर हैं।’

मंकीपॉक्स को लेकर WHO का सबसे बड़ा अलर्ट : क्या है इसका मतलब?
 मंकीपॉक्स वायरस को लेकर घोषित पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी, डब्ल्यूएचओ का हाईएस्ट अलर्ट है। डब्ल्यूएचओ पीएचई को एक असाधारण घटना के रूप में परिभाषित करता है।

24 जुलाई 22। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स (Monkeypox) को ‘पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी’ घोषित किया है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडहानॉम घेब्येयियस ने कहा कि उन्हें इस बात पर असहमति को हल करने के लिए एक टाई-ब्रेकर के रूप में कार्य करना पड़ा कि क्या मंकीपॉक्स वायरस का प्रकोप ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी के लेवल तक पहुंच गया है। यह वायरस पश्चिम और मध्य अफ्रीका में उभरा था और यहां दशकों से मौजूद है। हालांकि, हाल ही में यह संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और यहां तक कि भारत में फैलते हुए तेजी से कई महाद्वीपों में प्रसारित हो गया है। यूरोप मंकीपाॅक्स वायरस से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से है।

 पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी कब घोषित की जाती है और इसका क्या मतलब है?

 मंकीपॉक्स वायरस को लेकर घोषित पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी, डब्ल्यूएचओ का हाईएस्ट अलर्ट है। डब्ल्यूएचओ पीएचई को एक असाधारण घटना के रूप में परिभाषित करता है। इसका मतलब यह हुआ कि जब किसी बीमारी का अंतरराष्ट्रीय प्रसार, अन्य देशों के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे का कारण बन जाए और इसे रोकने के लिए एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रयास की आवश्यकता महसूस हो, तब विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ऐसी बीमारी या वायरस के संक्रमण को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया जाता है।

इस परिभाषा का तात्पर्य है कि स्थिति गंभीर है, अचानक आई हुई है, असामान्य या अप्रत्याशित है और प्रभावित देश की सीमा से परे जाकर सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। वैश्विक एजेंसी (WHO) केवल उन बीमारियों को यह नाम (Public Health Emergency) देती है, जिन्हें संभावित महामारी में तब्दील होने से रोकने के लिए एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है। इससे पहले इबोला, एच1एन1 स्वाइन फ्लू, पोलियो वायरस, कोविड-19 और जीका वायरस के लिए PHE अलर्ट जारी किया जा चुका है।

किसी बीमारी को लेकर पीएचई अलर्ट घोषित करने की शर्तों को, 2005 के इंटरनेशनल हेल्थ रेगुलेशन (IHR) के तहत निर्धारित किया गया है। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी घटनाओं, जो सीमाओं के परे जाकर लोगों के प्रभावित कर सकती हैं, को संभालने में देशों के अधिकारों और दायित्वों को परिभाषित करने वाला एक कानूनी ढांचा है।

डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स को PHE घोषित करने का निर्णय कैसे लिया?

कांगो गणराज्य से जीन-मैरी-ओको बेले (डब्ल्यूएचओ के टीके और टीकाकरण विभाग के पूर्व निदेशक) की अध्यक्षता और बर्न विश्वविद्यालय के एपिडेमियोलॉजी एंड पब्लिक हेल्थ मेडिसिन डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर निकोला लो की सह-अध्यक्षता में गठित एक 16 सदस्यीय आपातकालीन समिति ने मंकीपॉक्स पर डब्ल्यूएचओ प्रमुख को मानव स्वास्थ्य और अंतरराष्ट्रीय प्रसार के जोखिम के बारे में अपना आकलन दिया। 

टेड्रोस ने डब्ल्यूएचओ अलर्ट के लिए बुलाई गई प्रेस वार्ता में संवाददाताओं से कहा कि समिति के 9 सदस्य मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने के खिलाफ और 6 इसके पक्ष में थे। डब्ल्यूएचओ चीफ ने कहा, ’हालांकि मैं मंकीपाॅक्स वायरस के आउटब्रेक को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर रहा हूं। फिलहाल यह एक ऐसा प्रकोप है, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में फैल रहा है। खासकर उन लोगों में, जिनके कई सेक्सुअल पार्टनर हैं।’

मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के लक्षण क्या हैं? 

मंकीपॉक्स के लक्षण कुछ भी सामान्य नहीं हैं। इसके लक्षणों में ज्यादातर समय बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, ठंड लगना, थकान और कभी।कभी सूजी हुई लिम्फ नोड्स जैसी दिक्कतें शामिल होती हैं। चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों में दाने भी इसका एक लक्षण है। विशेषज्ञों का कहना है कि चेचक का टीका, मंकीपॉक्स को रोकने में कारगर साबित हो सकता है। लेकिन बहुत से लोगों को इसकी पहचान के बारे में जानकारी नहीं है।