ओरेवा कंपनी के मैनेजर ने कोर्ट में 136 मौतों के लिए भगवान को दोषी ठहराया

ओरेवा कंपनी के मैनेजर ने कोर्ट में 136 मौतों के लिए भगवान को दोषी ठहराया
पुलिस जांच में हादसे की जो वजह सामने आई है उसके अनुसार जिन इंजीनियरों को रख-रखाव का काम सौंपा गया, उनके पास डिग्री नहीं थी। इसके अलावा यह भी साफ हो चुका है कि बिना अनुमति के जल्दबाजी में पुल खोल दिया गया। हादसे वाले दिन क्षमता से अधिक टिकट बेचे गए। लोगों को लाइफ जैकेट भी नहीं दिए गए।

2 नवंबर 22। गुजरात में मोरबी केबल पुल हादसे को लेकर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एम जे खान की कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान पुल का रखरखाव करने वाली कंपनी के मैनेजर ने हास्यास्पद तर्क रखा। मैनेजर दीपक पारेख ने कहा, ‘भगवान की कृपा नहीं होने से यह हादसा हुआ। शायद भगवान की ही इच्छा थी कि ऐसा हो।’ वहीं सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि मरम्मत के दौरान पुल के खराब हो चुके केबलों को नहीं बदला गया। यही हादसे की सबसे बड़ी वजह रही। बता दें, बीती 30 अक्टूबर को केबल पुल टूटने से 136 लोगों की मौत हो चुकी है।  कुछ लोग जख्मी हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

मैनेजर ने जज को बताया कि कंपनी के एमडी जयसुख पटेल भले इंसान हैं। 2007 में इन्हें पुल के रखरखाव का काम सौंपा गया था। काम बहुत अच्छा किया, इसलिए फिर से ठेका मिला। पहले भी हमने मरम्मत का काम किया था। इस बार भगवान की कृपा नहीं होगी। शायद इसलिए यह त्रासदी हुई।

सुनवाई पूरी होने के बाद मोरबी बार एसोसिएशन के सीनियर एडवोकेट एसी प्रजापति ने बताया, ओरेवा कंपनी के नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मोरबी बार एसोसिएशन और राजकोट बार एसोसिएशन ने आरोपियों के लिए केस नहीं लड़ने का फैसला किया है।