कैप्टन अंकित की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन, एकटक अंतिम बार देखती रही मां व पत्नी

जोधपुर के सैन्य क्षेत्र से सटे डिगाड़ी में बड़ी संख्या में जनसमूह की मौजदूगी में भाई ने दी मुखाग्नि, अभ्यास के दौरान हेलिकॉप्टर से कूदने के बाद तखतसागर में डूबने से कैप्टन का निधन

कैप्टन अंकित की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन, एकटक अंतिम बार देखती रही मां व पत्नी

भारतीय सेना की 10 पैरा स्पेशल फोर्सेज के कमांडो कैप्टन अंकित गुप्ता की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन हो गई। जोधपुर के सैन्य क्षेत्र से सटे डिगाड़ी में बुधवार दोपहर पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। गमगीन माहौल में कैप्टन अंकित के भाई ने मुखाग्नि दी। इस अवसर पर उनके करीब 15 परिजन मौजूद थे। उनकी पार्थिव देह श्मशान स्थल पहुंचने पर बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोगों ने भारत माता की जयकारे लगाते हुए उन्हें अंतिम विदाई दी। शहर के तखतसागर में सात दिन पूर्व हेलिकॉप्टर से कूदने के बाद तखतसागर में डूबने से कैप्टन अंकित का निधन हो गया था. उनका शव छह दिन पश्चात मंगलवार को तखतसागर से बाहर निकाला जा सका। कैप्टन अंकित के परिजनों ने जोधपुर में ही अंतिम संस्कार की इच्छा व्यक्त की थी। आज सुबह उनके शव का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्ट मार्टम के पश्चात पार्थिव देह को 10 पैरा के मुख्यालय ले जाया गया। वहां उनके साथी जवानों व अधिकारियों ने उन्हें अंतिम सलामी देकर विदा किया। इस दौरान कैप्टन अंकित के परिजन लगातार साथ रहे। 10 पैरा के मुख्यालय से सैन्य वाहन में उनकी पार्थिव देह को डिगाड़ी ले जाया गया। श्मशान स्थल पर सेना के जवानों ने मोर्चा संभाला हुआ था। उन्होंने परिजनों के अलावा किसी अन्य असैन्य व्यक्ति को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। यहां तक कि आसपास के मकानों पर भी जवान तैनात थे। श्मशान स्थल पर कैप्टन अंकित के परिजनों को लेकर सेना के वाहन पहुंचे। आज सुबह गुरुग्राम से उनके कुछ और परिजन भी जोधपुर पहुंच गए थे। इनमें कैप्टन अंकित के माता-पिता, भाई, पत्नी, बहन, सास-ससुर व एक साली सहित कुछ अन्य लोग थे। मुख्गनि देते समय परिजनों के सब्र का बांध छलक पड़ा। उन्हें देख वहां मौजूद सभी अधिकारियों व जवानों की आंखें भी नम हो गई। बाद में सैन्य अधिकारियों ने अंकित के परिजनों को संभाल उन्हें ढांढस बंधाया।

अंकित की पत्नी व मां आपस में गले मिल आंसू बहाते हुए सूनी निगाह से एकटक दाह संस्कार की प्रक्रिया को निहारती रहीं। डिगाड़ी गांव में उनके अंतिम संस्कार से पूर्व बड़ी संख्या में क्षेत्र के युवा एकत्र हो गए। उन्होंने गगनभेदी नारों से जयकारे लगाए। साथ ही शव यात्रा के गांव में प्रवेश करते ही वे उसके साथ काफी दूर तक जयकारे लगाते हुए पैदल चले।

पैरा कमांडो स्पेशल फोर्सेज के अभ्यास के वक्त हुआ हादसा
पैरा कमांडो स्पेशल फोर्सेज का पूरे साल अभ्यास चलता रहता है। डेजर्ट वारफेयर में महारत रखने वाली 10 पैरा के कमांडो को एक हेलिकॉप्टर से पहले अपनी बोट को पानी में फेंक स्वयं भी कूदना था। इसके बाद उन्हें बोट पर सवार होकर दुश्मन पर हमला बोलना था। इस अभियान के तहत कैप्टन अंकित के नेतृत्व में 4 कमांडो ने तखत सागर जलाशय में गुरुवार को पहले अपनी नाव को फेंका और उसके बाद खुद भी पानी में कूद पड़े। तीन कमांडो तो नाव पर पहुंच गए, लेकिन कैप्टन अंकित नहीं पहुंच पाए। उनके साथ कमांडो ने थोड़ा इंतजार करने के बाद किसी अनहोनी की आशंका से स्वयं पानी में उतर खोज शुरू की। साथ ही अपने अन्य साथियों के माध्यम से जोधपुर स्थित मुख्यालय पर सूचना दी। इसके बाद 10 पैरा के अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और खोज अभियान शुरू किया। छह दिन तक चले सर्च ऑपरेशन में सेना ने देशभर से अपने विशेषज्ञ गोताखोरों व कमांडो को जोधपुर बुलाया। आखिरकार मंगलवार शाम उनका शव बाहर निकाला जा सका।