रेलवे में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही सैल्यूट देने की खास परंपरा अब खत्म
आजादी के अमृत वर्ष में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अंग्रेजों के जमाने से चल आ रही एक दशकों पुरानी परंपरा को खत्म करने का ऐलान किया है।
13 सितंबर 22। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav)ने रेलवे मिनिस्ट्री का पद संभालने के बाद कई नए फैसले लिए हैं। इनमें से कुछ यात्रियों के हित के हैं तो कुछ कर्मचारियों के फायदे के। इनमें से कुछ फैसलों ने तो लोगों को चौंका भी दिया। रेल मंत्री ने हाल ही में ऐसा ही एक फैसला लिया है, जिसमें उन्होंने रेलवे में सालों से चली आ रही सामंती प्रथा को खत्म करने का निर्णय किया है। रेल मंत्रालय और देशभर के रेलवे GM ऑफिस में आरपीएफ जवान की तैनाती रहती है। इस जवान का काम सिर्फ सैल्यूट देना होता है।
अंग्रेजों के जमाने से चल रही थी परंपरा
भारतीय रेलवे में यह परंपरा(The practice was going on since the British era) अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही है। लेकिन रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने इसे सामंती प्रथा मानते हुए बंद करने का आदेश दिया है। आपको बता दें रेलवे के आला अधिकारी सैल्यूट को रुतबे से जोड़ते हैं। दरअसल, रेल मंत्रालय में रेल मंत्री और बोर्ड के मेम्बर के लिए अलग गेट है, उसी पर RPF का सैल्यूट देने वाला जवान विशेष वर्दी में तैनात रहता था।
फिर शुरू हो सकती है छूट
यही व्यवस्था रेलवे के सभी जोनल ऑफिस में होती थी, लेकिन पिछले दिनों इसे तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया गया। दूसरी तरफ भारतीय रेलवे में सीनियर सिटीजन को टिकट पर मिलने वाली छूट को फिर से शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। छूट बहाल नहीं करने पर रेलवे को पिछले दिनों आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था।
सूत्रों के अनुसार टिकट की कीमत में फिर से छूट देने के लिए रेलवे उम्र सीमा के मानदंड में बदलाव कर सकती है। उम्मीद की जा रही है कि सरकार रियायती किराये की सुविधा 70 साल से ज्यादा की उम्र वाले लोगों के लिए उपलब्ध कराए। पहले यह सुविधा 58 वर्ष की महिलाओं और 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले पुरषों के लिए थी।