वेबिनार: डाॅ. शर्मा ने मानवाधिकार व मूल अधिकारों में अंतर को विधिवत समझाया

प्रेस्टीज प्रबंधन संस्थाऩ में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर वेबिनार आयोजित संस्थान के विधि स़काय के तत्वावधान में हुआ कार्यक्रम

वेबिनार: डाॅ. शर्मा ने मानवाधिकार व मूल अधिकारों में अंतर को विधिवत समझाया

ग्वालियर. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में 10 दिसंबर को प्रेस्टीज प्रबंधन संस्थान के विधि विभाग में एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें मानवाधिकारों की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता पर वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मानवाधिकार संगठन नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव डॉ. बीएल शर्मा उपस्थित रहे। उन्होंने मानवाधिकार और मूल अधिकारों में अंतर स्पष्ट करते हुए मानवाधिकारों की वरीयता को समझाया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय मानवाधिकार सेवा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय सतर्कता संघ के सदस्य डॉ. एम एल शर्मा उपस्थित थे, जिन्होंने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विधि के छात्रों को मानवाधिकारों की तरफ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश में उप महाधिवक्ता एडवोकेट राजेश शुक्ला मौजूद थे, जिन्होंने मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की बारीकियों को समझाया।

मीडिया प्रभारी ने कहा- मानवाधिकारों से संबंधित एक विचार श्रंृखला का भी आयोजन होगा
संस्थान के प्राचार्य डॉ. एसएस भाकर ने मैग्ना कार्टा के महत्व को समझाते हुए मानवाधिकारों की गौरवशाली परंपरा पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर विधि विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रबल प्रताप सिंह ने संविधान में उल्लेखित मूल अधिकारों और सार्वभौमिक अधिकारों की घोषणा 1948 के संबंध को दर्शाया। छात्रा निशा शर्मा ने कार्यक्रम का बखूबी संचालन किया। अंत में सहायक प्राध्यापक आकाश गुप्ता ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि इस वेबिनार में देशभर से कुल 533 प्रतिभागियों ने शिरकत की, जिसमें विधि के छात्र-छात्रा, अधिवक्ता एवं प्राध्यापकगण उपस्थित थे। इस अवसर पर सहायक प्राध्यापक हरिओम अवस्थी, सहायक प्राध्यापिका शुभांगी गुप्ता, और ख्याति नायक मौजूद थीं। मीडिया प्रभारी डॉ. नंदन वेलाकर ने बताया कि संस्थान पूर्व में भी इस तरह के कार्यक्रमों को आयोजित करता रहा है और भविष्य में भी मानव अधिकारों से संबंधित एक विचार श्रृंखला का आयोजन किया जाएगा।