क्या है नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी और कैसे मिलेगा आवेदकों को इसका फायदा?

क्या है नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी और कैसे मिलेगा आवेदकों को इसका फायदा?

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (राष्‍ट्रीय भर्ती संस्‍था) के गठन को मंजूरी दी गई है। सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के लिए 1517.57 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है। अब नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी द्वारा कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) का आयोजन किया जाएगा। सरकारी नौकरी के चयन के लिए अलग-अलग एक्जाम में शामिल होने वाले आवेदकों को एक ही परीक्षा में बैठना होगा। इसका कारण यह है कि मौजूदा समय में देश में सरकार की करीब 20 रिक्रूटमेंट एजेंसियां हैं। कोई स्टूडेंट अगर तीन से चार परीक्षा देता है, तो उसे बार-बार तनाव लेकर एक्जाम देने के लिए बार-बार जाना पड़ता है। इसी कारण अब नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी का गठन किया जाएगा। इस एजेंसी की मांग कई वर्षों से चल रही थी। इस एजेंसी के बनने से केवल एक परीक्षा होगी और इससे छात्रों का पैसा बचेगा, मानसिक तनाव नहीं होगा और बार-बार परीक्षा नहीं देनी होगी। 

नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी एक ऑटोनोमस सोसाइटी होगी, जिसमें तीनों संस्‍थाओं कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (आरआरबी) और इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (आईबीपीएस) के प्रतिनिधि गवर्निंग बॉडी में होंगे। नई व्‍यवस्था के अंतर्गत इन तीनों संस्‍थाओं के लिए होगा- कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी)। जो भी संस्‍था भर्ती करना चाहती है, वो इस सीएटी में मिलने वाले स्‍कोर को आधार बना सकेंगे।

यह संस्‍था ट‍ियर-1 की परीक्षा कराने का काम करेगी। टियर-1 यानी यह सिर्फ स्क्रीनिंग व शॉर्टलिस्टिंग के लिए है। सीईटी में शामिल कोई भी परीक्षार्थी वैकेंसी के अनुसार अगली उच्च स्तरीय परीक्षा के लिए सभी एजेंसियों के पास आवेदन कर सकते हैं। यह परीक्षा पूरी तरह से ऑनलाइन होगी और उसके स्‍कोर तुरंत आवेदक को मिल जाएंगे। इस स्कोर के आधार पर वो एसएससी, आरआरबी आदि में अगले स्तर की परीक्षाओं में बैठ सकेंगे। परीक्षा के लिए हर जिले में कम से कम एक केंद्र होगा। बड़े जिलों में एक से अधिक केंद्र होंगे। इससे रूरल एरिया के लोगों को लंबी यात्रा नहीं करनी होगी। ये परीक्षा 12 भारतीय भाषाओं में होगी।

सीईटी पहले लेवल की परीक्षा होगी, जिसके स्कोर तीन साल तक वैलिड होंगे। अपने स्‍कोर को बेहतर करने के लिए आवेदक चाहें, तो फिर से परीक्षा में बैठ सकेंगे। इसके लिए एक पोर्टल पर आवेदक को सिर्फ एक बार फीस देकर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी की स्थापना में अगले तीन वर्ष में कुल खर्च 1517.57 करोड़ खर्च आयेगा। इससे सरकार के हर साल करीब 600 करोड़ रुपए बचेंगे।