कतर का क्या है छिपा एजेंडा, जिसके लिए जाकिर को आमंत्रण देकर बुलाया
22 नवंबर 22। अलकायदा जैसे आतंकवादी संगठनों को पालने वाले कतर ने अब भारत के भगोड़े उपदेशक जाकिर नाइक को फुटबॉल विश्वकप में बुलाया है। जाकिर नाइक कतर पहुंच गया है और इस्लाम का प्रचार करने में जुट गया है। कतर पहला मुस्लिम देश है जिसने फीफा विश्वकप का आयोजन किया है। फुटबॉल विश्वकप के लिए कतर ने पानी की तरह से पैसा बहाया है। विश्लेषकों का कहना है कि कतर फीफा विश्वकप का इस्तेमाल गैर मुस्लिमों के धर्म परिवर्तन के लिए चलाए जा रहे 'मिशन दवाह' के लिए कर रहा है। जाकिर नाइक भी मिशन दवाह को पूरी दुनिया में जोरशोर से फैला रहा है। ऐसे में कतर और जाकिर नाइक के साथ आने को विश्लेषक हैरानी के साथ नहीं देख रहे हैं। आइए जानते हैं क्या है मिशन दवाह और कतर जाकिर नाइक के साथ कैसे इसे बढ़ा रहा है।
अमेरिका के वॉशिंगटन स्थित प्रतिष्ठित संस्था मिडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक कतर ने दवाह से जुड़े इस्लामिक धार्मिक लेक्चर के लिए जाकिर नाइक को बुलाया है। दवाह एक इस्लामिक प्रथा है जिसके तहत गैर मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन कराया जाता है और उन्हें इस्लाम को अपनाने के लिए आमंत्रित किया जाता है। संस्था ने कहा कि ऐसा लगता है कि मिशन दवाह फीफा वर्ल्ड कप के दौरान कतर का एक अघोषित लक्ष्य है। दरअसल, फुटबॉल देखने के लिए लाखों की तादाद में फैन्स पहुंच रहे हैं और कतर इसका इस्तेमाल धर्म परिवर्तन कराने के मौके के रूप में देख रहा है। जाकिर नाइक गैर मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में भारत में वांछित है। जाकिर नाइक इन दिनों मलेशिया में शरण लिए हुए है। जाकिर नाइक के कनाडा और ब्रिटेन में प्रवेश पर पहले ही प्रतिबंध लगा हुआ है।
कतर में वर्ल्ड कप से ठीक पहले 558 लोगों ने इस्लाम धर्म को स्वीकार कर लेने की खबर आई थी। इससे साफ है कि कतर की सरकार फीफा वर्ल्ड कप का इस्तेमाल दवाह आंदोलन को बढ़ाने के लिए कर रही है। कई वीडियो धर्म परिवर्तन कराने के वायरल भी हो रहे हैं, लेकिन उनकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है। जाकिर नाइक जार्ज बुश को आतंकी बताता है और अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को आतंकी नहीं मानता है।