उड़न तश्तरियों को लेकर अमेरिका गंभीर, अब नासा की टीम करेगी जांच

नासा ने जांच दल का नेतृत्व करने के लिए डेविड श्पेरगल को चुना है, जो प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के ‘एस्ट्रोफिजिक्स डिपार्टमेंट’ के अध्यक्ष रह चुके हैं। अध्ययन का जिम्मा डेनियल इवान्स को सौंपा जाएगा जो नासा के साइंस मिशन निदेशालय में वरिष्ठ शोधकर्ता हैं। ईवान्स के मुताबिक, आने वाले महीनों में वैज्ञानिकों का यह दल अपनी पहली बैठक करेगा और लगभग नौ महीने लगाकर एक रिपोर्ट तैयार करेगा। नासा इस पूरे काम पर कई हजार डालर खर्च करेगा, लेकिन यह रकम एक लाख डालर से ज्यादा नहीं होगा।

उड़न तश्तरियों को लेकर अमेरिका गंभीर, अब नासा की टीम करेगी जांच
नासा की ‘साइंस यूनिट’ के प्रमुख थामस जुरबूखेन के मुताबिक, ‘हम पृथ्वी को नई नजर से देख रहे हैं। हम अन्य तरीके भी खोज रहे हैं। यह हम बस यही कोशिश कर रहे हैं एक जांच शुरू की जाए। नतीजों के बारे में हमने अभी नहीं सोचा है।

14 जून 22। दुनिया भर में 50 साल से जिस बात को लगातार खारिज किया जाता रहा है, उस पर अमेरिका गंभीर हो गया है। उड़न तश्तरियों के बारे में जांच की जिम्मेदारी नासा ने उठाई है। अमेरिका की अंतरिक्ष एजंसी नासा अब ‘यूएफओ’ यानी उड़न तश्तरियों की जांच करेगी। दुनिया की सबसे आधुनिक और सबसे बड़ी अंतरिक्ष एजेंसी ने बीते हफ्ते गुरुवार को एलान किया कि वैज्ञानिकों की एक टीम का गठन किया जाएगा, जो उड़ने वाली ऐसी चीजों का अध्ययन करेगी, जिनके बारे में पता नहीं चल पा रहा है कि वे कहां से आई हैं।
अमेरिकी एजंसी ने कहा कि इस अध्ययन का केंद्र बिंदू उपलब्ध डेटा की पहचान करना, भविष्य में मिलने वाले डेटा को समझने के सबसे अच्छे तरीकों की पहचान करना और यह जानना होगा कि इस सूचना का लाभ वैज्ञानिक समझ को बेहतर बनाने में कैसे किया जा सकता है। नासा ने इस दल का नेतृत्व करने के लिए डेविड श्पेरगल को चुना है, जो प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के ‘एस्ट्रोफिजिक्स डिपार्टमेंट’ के अध्यक्ष रह चुके हैं। अध्ययन का जिम्मा डेनियल इवान्स को सौंपा जाएगा जो नासा के साइंस मिशन निदेशालय में वरिष्ठ शोधकर्ता हैं। ईवान्स के मुताबिक, आने वाले महीनों में वैज्ञानिकों का यह दल अपनी पहली बैठक करेगा और लगभग नौ महीने लगाकर एक रिपोर्ट तैयार करेगा। नासा इस पूरे काम पर कई हजार डालर खर्च करेगा, लेकिन यह रकम एक लाख डालर से ज्यादा नहीं होगा।
नासा की ‘साइंस यूनिट’ के प्रमुख थामस जुरबूखेन के मुताबिक, ‘हम पृथ्वी को नई नजर से देख रहे हैं। हम अन्य तरीके भी खोज रहे हैं। यह हम बस यही कोशिश कर रहे हैं एक जांच शुरू की जाए। नतीजों के बारे में हमने अभी नहीं सोचा है।’नासा के इस दल के गठन का एलान उस रिपोर्ट के आने के एक साल बाद आया है, जिसे अमेरिका सरकार के ‘डायरेक्टर आफ नेशनल इंटेलिजेंस’ ने नौसेना के एक विशेष बल के साथ मिलकर तैयार किया था। इस रिपोर्ट में नौसैनिकों लारा देखी गई उड़ती हुई अनजान चीजों के बारे में ही ज्यादा बताया गया था। रक्षा मंत्रालय के दो अधिकारियों ने इस बारे में अमेरिकी संसद की एक समिति के सामने बयान भी दिया था, जो 50 साल में इस मुद्दे पर हुई पहली बैठक थी।
अमेरिका सरकार ने इन उड़ती हुई अनजान चीजों को देश की सुरक्षा का मसला माना है, जिस पर नासा ने भी सहमति जताई है। एक बयान जारी कर नासा ने कहा, ‘आसमान में उड़ती हुई अनजान चीजें राष्ट्रीय सुरक्षा का भी मसला है और हवाई सुरक्षा का भी।’पिछले साल आई रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिकी रक्षा और जासूसी एजंसियों के विशेषज्ञों के पास इतना समुचित डेटा नहीं है कि इन यूएपी या यूएओ के बारे में कोई निष्कर्ष निकाला जा सके, जिन्हें विमान चालकों ने देखा है।
इसलिए यह कह पाना मुमकिन नहीं है कि पायलटों ने जो देखा वो पृथ्वी पर ही विकसित की जा चुकी कोई अत्याधुनिक तकनीक है या फिर उसका उद्गम बाह्य अंतरिक्ष में कहीं है। कांग्रेस में हुई सुनवाई में अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने माना था कि उड़नतश्तरियों के बहुत से मामले ऐसे हैं, जिनकी विशेषज्ञों के पास कोई व्याख्या नहीं है। नासा ने अपने बयान में कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है कि बाह्य अंतरिक्ष से कोई उड़नतश्तरी आई। जुरबूखेन ने कहा कि एजंसी की कोशिश और ज्यादा डेटा उपलब्ध कराना है जिसके लिए नासा के वैज्ञानिक, उपग्रह और सेंसर आदि का इस्तेमाल किया जाएगा। ईवान्स ने कहा, ‘पहला कदम तो यह तय करना है कि हमारे पास क्या डेटा उपलब्ध है।’