विश्वविख्यात तानसेन समारोह : इस बार ग्वालियर के आसपास के ऐतिहासिक स्थलों पर भी सजेगी सुरों की महफिल

आएंगे नामी-गिरामी कलाकार, 18 से 23 दिसंबर तक होने वाले समारोह के आयोजन की तैयारियां शुरू

विश्वविख्यात तानसेन समारोह : इस बार ग्वालियर के आसपास के ऐतिहासिक स्थलों पर भी सजेगी सुरों की महफिल

ग्वालियर. शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में विश्वविख्यात तानसेन समारोह सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव इस बार अलग ही रंग होंगे। शताब्दी वर्ष के नजदीक पहुंचे इस समारोह में कुछ नई गतिविधियों को भी जोड़ा गया है। इस दौरान अब यह महोत्सव केवल ग्वालियर तक ही सीमित न रहकर आसपास के शहरों के ऐतिहासिक स्थलों पर भी आयोजित किया जाएगा। इस बार तानसेन समारोह का 98वां संस्करण है। पहली बार संगीतधानी ग्वालियर के साथ शिवपुरी, दतिया और मुरैना जिले के प्रागैतिहासिक बटेश्वर में भी संगीत सभाएं होंगी। मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग ने तानसेन समारोह के शताब्दी वर्ष के आयोजन को अविस्मरणीय बनाने के लिए अभी से तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। इसी उद्देश्य से इस साल से समारोह का विस्तार किया जा रहा है। इस साल के तानसेन समारोह के तहत ‘गमक’ की पहली सभा 16 दिसम्बर को शिवपुरी में आयोजित होगी। इसके बाद 17 दिसंबर को दूसरी सभा दतिया में आयोजित की जाएगी। 22 दिसंबर को एक सभा मुरैना जिले के ग्राम पड़ावली के पास बटेश्वर मंदिर प्रांगण में सजेगी। यह सभा शास्त्रीय संगीत की रहेगी। यहां प्रागैतिहासिक मंदिर श्रृंखला निकली है, जिनको संरक्षित किया जा रहा है। यह प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन इस बार भी संगीतधानी ग्वालियर में 18 से 23 दिसंबर के बीच हजीरा स्थित संगीत सम्राट तानसेन के समाधि स्थल पर होने जा रहा है। सुरों के इस समागम में देश-विदेश के प्रतिष्ठित और शीर्षस्थ साधक स्वर लहरियां बिखेरेंगे। ग्वालियर में 18 को लोककला यात्रा भी निकलेगी। इस साल के तानसेन समारोह के तहत संगीत नगरी ग्वालियर में 18 दिसंबर को शाम 7 बजे से हजीरा स्थित इंटक मैदान में उप शास्त्रीय कार्यक्रम पूर्वरंग ‘गमक’ का आयोजन होगा। गमक की सभा से पहले शाम 5 बजे से गूजरी महल किलागेट से इंटक मैदान तक भव्य लोक कला यात्रा निकाली जाएगी। अलंकरण समारोह 19 दिसम्बर को होगा। इस दिन सुबह तानसेन की समाधि पर शहनाई वादन, ढोलीबुआ महाराज की हरिकथा एवं मीलाद वाचन होगा और शाम को 2021 का तानसेन अलंकरण दिए जाने के बाद सांगीतिक सभाओं की शुरूआत होगी।

स्मारोह के तहत 10 संगीत सभाएं होंगी व 19 दिसंबर की शाम को होगी पहली सभा
तानसेन समारोह में इस बार 10 संगीत सभाएं होंगी. पहली सभा 19 दिसंबर की शाम को होगी. इसके बाद हर दिन प्रातः एवं सायंकालीन सभाएं होंगी। समारोह के तहत 22 दिसंबर को समानांतर सभा बटेश्वर में भी होगी, जो शास्त्रीय संगीत की रहेगी. 23 दिसंबर को प्रातःकालीन सभा तानसेन की जन्मस्थली बेहट में और शाम की अर्थात इस साल के समारोह की अंतिम संगीत सभा गूजरी महल के परिसर में सजेगी। अंतिम सभा महिला कलाकारों पर केंद्रित रहेगी। समारोह में विश्व संगीत की सभाएं भी होंगी। गमक और विश्व संगीत के कलाकारों के नाम जल्द ही घोषित किए जाएंगे।