राज्यसभा की 57 सीटों को लेकर राजनीतिक पार्टियों में घमासान

इस बार उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में 6-6 सीट, बिहार में पांच, आंध्रप्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में 4-4 सीट, मध्यप्रदेश और ओडिशा में 3-3 सीट, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, पंजाब, झारखंड और हरियाणा में दो-दो और उत्तराखंड में एक सीट के खाली होने पर चुनाव होंगे।

राज्यसभा की 57 सीटों को लेकर राजनीतिक पार्टियों में घमासान
राज्यसभा की 57 सीटों के लिए 10 जून को चुनाव होने जा रहा है।

27 मई 22। राज्यसभा की 57 सीटों के लिए 10 जून को चुनाव होने जा रहा है। इसको लेकर राजनीतिक पार्टियों में घमासान मचा हुआ है। नए उम्मीदवारों के साथ ही रिटायर हो रहे नेता फिर से टिकट पाने की कोशिश कर रहे हैं। इस बार उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में 6-6 सीट, बिहार में पांच, आंध्रप्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में 4-4 सीट, मध्यप्रदेश और ओडिशा में 3-3 सीट, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, पंजाब, झारखंड और हरियाणा में दो-दो और उत्तराखंड में एक सीट के खाली होने पर चुनाव होंगे।
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा में पहले ही 100 सदस्य हो चुके हैं और वह इस बार बड़ी जीत की तैयारी में जुटी हुई है। संसद के उच्च सदन में 245-सदस्यीय राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी अभी तक बहुमत से दूर है। इस सदन में बहुमत का आंकड़ा 123 होता है। ऐसे में उसकी कोशिश है कि वह ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल कर सके। भाजपा का ध्यान उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर जमा हुआ है। अन्य राज्यों को लेकर भी भारतीय जनता पार्टी ने रणनीति बनाई है। इधर, केंद्रीय मंत्री और जद (यू) नेता आरसीपी सिंह अपनी सीट जीत पाने को लेकर आश्वस्त नहीं है। अलग-अलग पार्टी के राजनेताओं ने बताया कि राज्यसभा के चुनाव में उम्मीदवार चयन से लेकर परिणाम आने तक इस बार का चुनाव कई चौंकाने वाली खबरें भी दे सकता है।
चुनाव का गणित और उत्तर प्रदेश में संभावनाएं
उत्तरप्रदेश से चुने गए 11 राज्यसभा सांसद, जुलाई में रिटायर हो जाएंगे, इनमें भाजपा के 5 सदस्य, समाजवादी पार्टी के 3 सदस्य, बहुजन समाज पार्टी के 2 सदस्य और एक सदस्य कांग्रेस शामिल हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं, इनमें से भाजपा के पास 273 है यानी वह चुनाव में आसानी से 11 में से 7 सीट हासिल कर सकता है। इसके बाद समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगी दल के पास 125 विधायक हैं। ऐसा माना जा रहा है कि वह 3 सीट आसानी से जीत सकती है। इसके बाद एक राज्यसभा सीट शेष होगी जिस पर कांटे की टक्कर होगी।
कौन और कैसा होगा प्रतिनिधित्व
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल ने जयंत चौधरी को संयुक्त रूप से अपना राज्यसभा उम्मीदवार घोषित कर दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस छोड़ कर निर्दलीय उम्मीदवार बने कपिल सिब्बल को भी सपा ने समर्थन दिया है। इधर भाजपा भी जाट नेता को उम्मीदवार बना सकती है। ऐसी भी संभावना है कि अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, राज्य सभा के लिए दोबारा भाजपा उम्मीदवार हों। ऐसे ही कुछ और नाम सामने आ रहे हैं।
बिहार: भाजपा और जद (यू) पर टिकी नजर
बिहार की ओर से चुने गए 5 राज्यसभा सांसद जुलाई में रिटायर हो रहे हैं जिनमें आरजेडी की मीसा भारती, भाजपा नेता सतीश चंद दुबे और गोपाल नारायण सिंह और जेडी (यू) के राम चंद्र मिश्रा शामिल हैं। इसके अलावा पांचवीं सीट शरद यादव के पास थी, जिसे उन्हें पहले ही छोड़ना पड़ गया था। इस बार आरजेडी पहले ही मीसा भारती और डॉ फैयाज अहमद बिस्फी को उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर चुकी है। इस बार चुनाव में भाजपा और आजेडी 2-2 सीटें जीतती नजर आ रहीं हैं। वहीं पांचवीं सीट जनता दल (यू) के पास जा सकती है। भाजपा के उम्मीदवारों को लेकर अटकलें शुरू हैं तो जद (यू) में भी उम्मीदवारी को लेकर कुछ नाम सामने आ रहे हैं। राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। यहां उम्मीदवारी को लेकर उत्सुकता बनी हुई है।