2003 का नदीमर्ग कश्मीरी पंडित नरसंहार मामला फिर से खोलने का आदेश
1 सितंबर 22। केंद्र शासित प्रदेश सरकार द्वारा दायर एक आवेदन पर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने नदीमर्ग नरसंहार मामले को फिर से खोलने का आदेश दिया है, जिसमें 23 मार्च, 2003 को पुलवामा जिले में लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba)के आतंकवादियों द्वारा 24 कश्मीरी पंडितों की हत्या(24 Kashmiri Pandits murdered) कर दी गई थी। अभियोजन पक्ष के माध्यम से केंद्र शासित प्रदेश सरकार द्वारा दायर आवेदन में एक दशक पहले एक आपराधिक पुनरीक्षण याचिका को खारिज करने और मामले को प्रभावी ढंग से बंद करने के एक पुराने आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी।
हाईकोर्ट ने अब आदेश दिया है कि सुनवाई 15 सितंबर को फिर से शुरू होगी।
सेना की वर्दी में नकाबपोश लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 23 मार्च, 2003 की रात को नदीमर्ग गांव में छापा मारा था, जहां 1990 के दशक की शुरुआत में लगभग 52 कश्मीरी पंडित रहते थे। आतंकवादियों ने 11 पुरुषों, 11 महिलाओं और दो बच्चों को कतार में खड़ा कर उन पर स्वचालित गोलियों से बौछार की थी।