वापस नहीं होगी अग्निपथ योजना, सेना में सभी भर्तियां अब इसी से होंगी: DMA

लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा हमने योजना का विश्लेषण करने और बुनियादी क्षमता का निर्माण करने के लिए पहले साल 46,000 भर्तियों से छोटी शुरुआत की है। निकट भविष्य में हमारी ‘अग्निवीर की संख्या 1.25 लाख तक पहुंच जाएगी। देश की सेवा में अपना जीवन कुर्बान करने वाले ‘अग्निवीर को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा।

वापस नहीं होगी अग्निपथ योजना, सेना में सभी भर्तियां अब इसी से होंगी: DMA
सैन्य मामलों के विभाग अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा, भारतीय सेना की नींव अनुशासन है। आगजनी, तोड़फोड़ करने वालों लिए यहां कोई जगह नहीं है। अग्निवीर बनने के लिए आवेदन करने वाला प्रत्येक उम्मीदवार एक प्रमाण पत्र देगा कि वह विरोध, आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा का हिस्सा नहीं था।

19 जून 22। अग्निपथ योजना को लेकर सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पूरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समीक्षा बैठक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह सुधार लंबे समय से लंबित था। हम इस सुधार के साथ देश की तीनों सेनाओं में युवावस्था और अनुभव का अच्छा मिश्रण लाना चाहते हैं। आज बड़ी संख्या में जवान अपने 30 के दशक में हैं और अधिकारियों को पहले की तुलना में बहुत बाद में कमान मिल रही है। सेनाओं की औसत उम्र कम करना हमारी प्राथमिकता है। हम चाहते हैं कि भारत की तीनों सेनाओं में होश और जोश का अच्छा मिश्रण हो।
लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा कि हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं। किसी ने कभी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे। ‘अग्निवीरों’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में तैनाती पर वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है। सेवा शर्तों में अग्निवीरों के लिए कोई भेदभाव नहीं होगा। अगले 4-5 वर्षों में, हम (सैनिकों का) 50-60,000 तक भर्तियां करेंगे और बाद में यह बढ़कर 90,000 से 100000 हो जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया की भारतीय सशस्त्र बलों की इस योजना की सख्त जरूरत है, इसलिए इसको वापस लेने का सवाल नहीं खड़ा होता। भविष्य में तीनों सेनाओं में अफसर रैंक के नीचे की सभी भर्तियां ‘अग्निपथ योजना के जरिए ही होंगी।
निकट भविष्य में हमारी ‘अग्निवीर की संख्या 1.25 लाख तक पहुंच जाएगी
लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा हमने योजना का विश्लेषण करने और बुनियादी क्षमता का निर्माण करने के लिए पहले साल 46,000 भर्तियों से छोटी शुरुआत की है। निकट भविष्य में हमारी ‘अग्निवीर की संख्या 1.25 लाख तक पहुंच जाएगी। देश की सेवा में अपना जीवन कुर्बान करने वाले ‘अग्निवीर को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा।  उनके लिए अलग से किसी बैरक या ट्रेनिंग सेंटर की व्यवस्था नहीं की जा रही है। अग्निवीर भी नियमित सैनिकों के बराबर की सुविधाएं पाएंगे। पहले से मौजूद आधारभूत ढांचा का लाभ उठाएंगे। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा ‘अग्निवीरों  के लिए आरक्षण की घोषणा पूर्व नियोजित थी। यह योजना की घोषणा के बाद हुई आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा की प्रतिक्रिया में नहीं किया गया है।
डीएमए के एडिशनल सेक्रेटरी, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा, पिछले 2 साल से कोरोना की वजह से भर्तियां नहीं हुईं, इसलिए हमें अग्निपथ योजना घोषित करने के का मौका मिला। इसकी जरूरत हमें 30 साल पहले से है। अग्निवीर किसी तरह से अलग नहीं होगा, उसे सभी सुविधाएं और अलाउंस नियमित सैनिकों वाली मिलेगी। अग्निवीर का प्लान 1989 का है, आज का नहीं है। किसी तरह सेनाओं की औसत उम्र 32 साल से 26 साल लाई जा सके, हम चाहते हैं। हमें यूथफुल प्रोफाइल चाहिए, क्योंकि हमें जूनून के साथ जोश चाहिए। हमारा उद्देश्य देश की सेना को यंग करना है। आज के युवा टेक सेवी हैं, टेक्नोलॉजी को समझते हैं। भविष्य में युद्ध तकनीक से लड़े जाएंगे, टैंक और तोप से नहीं। हमें ड्रोन वॉर के लिए तैयार होना है।
भारतीय वायुसेना में अग्निवीरों की भर्ती के लिए 24 जून से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा
भारतीय वायुसेना के अधिकारी एयर मार्शल एसके झा ने कहा, 24 जून से अग्निवीर बैच नंबर 1 पंजीकरण प्रक्रिया और 24 जुलाई से चरण 1 ऑनलाइन परीक्षा प्रक्रिया शुरू होगी। पहला बैच दिसंबर तक नामांकित होगा और प्रशिक्षण 30 दिसंबर तक शुरू होगा। अग्निपथ योजना पर भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि इस साल 21 नवंबर से पहला नौसैनिक ‘अग्निवीर’प्रशिक्षण प्रतिष्ठान आईएनएस चिल्का, ओडिशा में पहुंचना शुरू हो जाएगा। इसके लिए महिला और पुरुष दोनों अग्निवीरों को अनुमति है। भारतीय थल सेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा ने कहा, दिसंबर के पहले सप्ताह तक, हमें 25,000 ‘अग्निवीरों’ का पहला बैच मिलेगा और दूसरा बैच फरवरी 2023 के आसपास शामिल किया जाएगा, जिससे यह 40,000 हो जाएगा।
भारतीय सेना की नींव अनुशासन है, यहां आगजनी करने वालों की जगह नहीं
सैन्य मामलों के विभाग अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा, भारतीय सेना की नींव अनुशासन है। आगजनी, तोड़फोड़ करने वालों लिए यहां कोई जगह नहीं है। अग्निवीर बनने के लिए आवेदन करने वाला प्रत्येक उम्मीदवार एक प्रमाण पत्र देगा कि वह विरोध, आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा का हिस्सा नहीं था। पुलिस सत्यापन 100% है, उसके बिना कोई भी शामिल नहीं हो सकता है। यदि किसी उम्मीदवार के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की जाती है, तो वे भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल नहीं हो सकते। उन्हें (आकांक्षी) नामांकन फॉर्म के हिस्से के रूप में यह लिखने के लिए कहा जाएगा कि वे आगजनी का हिस्सा नहीं थे, उनका पुलिस सत्यापन किया जाएगा। हमने इस योजना को लेकर हाल में हुई हिंसा का अनुमान नहीं लगाया था। सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है।