जौरासी घाटी जितनी सुन्दर, उससे कहीं ज्यादा खतरनाक,आए दिन होते हैं हादसे

लोगों ने कहा - प्रशासन कर रहा अनदेखी

जौरासी घाटी जितनी सुन्दर, उससे कहीं ज्यादा खतरनाक,आए दिन होते हैं हादसे
फाइल फोटो
संजीव कुमार शर्मा
ग्वालियर। वैसे तो ग्वालियर और उसके आसपास के क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से काफी कुछ  खुशनुमा हैं जिसे लोग देखने आते हैं लेकिन इसी शहर के यदि आप ग्वालियर -झांसी नेशनल हाइवे से निकल रहे हैं और जौरासी घाटी आ गई है तो वाहन की स्पीड कम कर लें क्योंकि यह घाटी जितनी सुन्दर दिखाई देती है उससे कहीं ज्यादा खतरनाक हैं ।  जौरासी घाटी में सड़क पर वाहन की गति में जरा सी भी चूक होने पर दुर्घटना तय है। यही वजह है कि बीते साल कई लोग जौरासी घाटी या उसके आसपास दुर्घटना में अपनी जान गंवा चुके है। वहीं कई सैकड़ा से अधिक लोग  घायल हो चुके हैं। यह घाटी जिले के ब्लैक स्पॉट में से एक है।  आए दिन यहां पर लूटपाट की भी घटना होती हैं। बीती शाम ही एक बाइक सवार दंपती के साथ बदमाशों ने जौरासी घाटी पर लूटपाट कर उनकी बाइक को तहस नहस कर दिया था। इस तरह की वारदातों के बावजूद जौरासी घाटी पर पुलिस की पैट्रोलिंग न के बराबर हैं। जौरासी पर स्थित सिद्ध हनुमान मंदिर पर भी शनिवार और मंगलवार को हजारों श्रदालु दर्शन करने जाते हैं। उनकी सुरक्षा के भी कोई इंतजाम नहीं हैं। 

पहाड़ों को काटकर निकाला गया है  हाइवे
ग्वालियर से डबरा,दतिया,झांसी को जोड़ने वाली यह जौरासी घाटी बहुत अहम है। यह बिलौआ थाना की सीमा में आता है। यहां घने जंगल और पहाड़ियां हैं। कभी यहां डकैतों का राज हुआ करता था। रात को इस घाटी से निकलते समय भी लोग दहशत में रहते थे। यहां पहले सिंगल सड़क हुआ करती थी, लेकिन अब यहां पहाड़ों को काटकर हाइवे बनाया गया है। हाइवे के एक ओर पहाड़ तो दूसरी ओर गहरी खाई है। यही कारण है कि जरा भी वाहन बहकने पर गाड़ी खाई में गिर जाती है। जिससे कैजुअल्टी और भी ज्यादा हो जाती है।
रफ्तार के साथ और भी कई कारणों से हो रही हैं सड़क दुर्घटनाएं   
जौरासी घाटी के आस -पास होने वाली हादसों की बड़ी वजह  गाड़ियों की तेज रफ्तार है।  यहां से गुजरने वाले वाहनों की गति वैसे तो 40 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिये लेकिन यहां से गुजरते छोटे -बड़े वाहनों की रफ्तार अधिक रहती है।  लापरवाही से वाहन चलाना,ओवरलोड वाहन चलाना,शराब और अन्य नशा करके वाहन चलाना जैसे कारण से भीयहां आए दिन लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।  
क्या कहते है राहगीर
इस हाईवे से होकर गुजरना बड़ा रिस्की रहता है लेकिन गांवों से शहर आना हो तो निकला तो पड़ेगा ही इसलिए डरते- डरते ही सही पर रोज यहां से होकर हम आते - जाते हैं। 

रामेन्द्र गुर्जर, सिकंदर कंपू
मैं भितरवार रहता हूू़ं।  काम के लिए ग्वालियर आना जाना होता है । मैंने देखा है यहां वाहनों की गति हमेशा तेज रहती है इसलिए हादसे होते हैं। कभी - कभी तो मासूम बच्चों को हमने लहुलुहान होते देखा है।  प्रशासन को यहां कुछ और इंतजाम करने चाहिए जिससे हादसे न हों। 

कुलदीप यादव,भितरवार
हमें रोज टेकनपुर से पढाई के लिए ग्वालियर आना होता है। जब तक हम घर नहीं पहुंच जाते परिवार के लोग डरे रहते हैं । जौरासी घाटी जहां आए दिन दुर्घटना होती ही रहती हैं। 
माधवी त्रिवेदी ,टेकनपुर
 मेरी ससुराल नरवर में हैं इसलिए आना- जाना लगा रहता हैं।  जौरासी घाटी की रोड पहले से बहुत चौड़ा हो गया है लेकिन अभी भी घाटी के आस पास ही सबसे ज्यादा दुर्घटनाए होती हैं। इसलिए कुछ पुलिस को वाहनों की गति पर अंकुश लगाना चाहिए और कुछ लोगों को भी सावधानी बरतनी चाहिए।  मैं तो कई बार रानी घाटी होकर आता-जाता हूं।  

मोनू बाथम,जामदारखाना, लश्कर, बाडा