बुरहानपुर जिले में अतिक्रमणकारियों को खदेड़ने के लिए जंगल में घुसी पुलिस पर हमला
शनिवार सुबह करीब 9.30 बजे वन विभाग, पुलिसकर्मियों, विशेष शस्त्र बल की टीम जंगल में पहुंची, अतिक्रमणकारियों ने तीर, गोफन और पत्थरों से हमला कर दिया।
बुरहानपुर। बुरहानपुर जिले में अतिक्रमणकारियों को खदेड़ने के लिए जंगल में घुसी पुलिस पर हमला किया गया है। शनिवार सुबह करीब 9.30 बजे वन विभाग, पुलिसकर्मियों, SAF (विशेष शस्त्र बल) की टीम जंगल में पहुंची, लेकिन दूसरी ओर से अतिक्रमणकारियों ने तीर, गोफन और पत्थरों से हमला कर दिया। इसके बाद टीम वहां से जान बचाकर भागी। अतिक्रमणकारियों ने वाहनों पर भी पथराव किया है। इससे कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पुलिस टीम के साथ घाघरला के ग्रामीण भी थे। हमले में 12 लोग घायल हुए हैं, इसमें वनकर्मी और ग्रामीण शामिल हैं। छिंदवाड़ा का एक आरक्षक भी घायल हुआ है। एक ग्रामीण की पीठ और एक वनकर्मी के बाएं हाथ में तीर घुस गया है।
बुरहानपुर जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर घाघरला जंगल में लगातार कटाई हो रही है। यहां के स्कूल में एक-डेढ़ हफ्ते से SAF के 100 हथियारबंद जवान तैनात हैं। 200 से ज्यादा वनकर्मी भी मुस्तैद हैं, लेकिन इनमें अधिकांश निहत्थे हैं। घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सीवल भेजा गया है। मौके पर एसपी राहुल कुमार लोढ़ा भी पहुंचे। जंगल बचाने के लिए पुलिस टीम में शामिल ग्रामीणों ने आक्रोश जताया तो एसपी ने समझाइश दी कि हमने और फोर्स बुलाया है। आप निश्चिंत रहें, कार्रवाई की जाएगी।
जंगल बचाने के लिए संघर्ष कर रहे ग्रामीणों में से एक उमाकांत ने कहा- पूरा गांव कार्रवाई के लिए इंतजार कर रहा है। यदि कार्रवाई नहीं हुई तो किसी भी अधिकारी को गांव से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। सारा गांव अधिकारियों का घेराव करेगा। चाहे फिर एसपी साहब हों, डीएम साहब हों या फिर फॉरेस्ट के अधिकारी हों।
घाघरला में अतिक्रमणकारी हावी हैं। सुबह वनकर्मियों, ग्रामीणों पर हमला किया गया। इसके बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। एक स्कूल के सामने जमा लोगों ने कहा कि जब तक अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई नहीं होती हम अफसरों को यहां से जाने नहीं देंगे। मौके पर कलेक्टर भव्या मित्तल, एसपी राहुल कुमार लोढ़ा, डीएफओ अनुपम शर्मा सहित अफसर, कर्मचारी और 300 से अधिक का फ़ोर्स तैनात है।
निमाड़ के 4 जिलों से भारी संख्या में वनकर्मियों की टीम घाघरला में तैनात की गई है। खंडवा सीसीएफ (चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट) आरपी राय ने बताया-पिछली बार अतिक्रमणकारियों को पुलिस, फॉरेस्ट के सहयोग से खदेड़ा गया था। 3 दिन से फिर वह 150 से 300 की संख्या में घाघरला के जंगल में आ रहे हैं। पता चला है कि रात में देसी बम, बंदूक से फायरिंग भी की गई है। इसकी प्रशासन को सूचना दी गई है। सर्किल से 200 से अधिक स्टाफ एकत्रित किए गए हैं।
घाघरला के जंगल से जान बचाकर लौट रही टीम का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक वनकर्मी साथी वनकर्मियों और फोर्स को आवाज लगाकर कह रहा है कि तुम्हारे पास हथियार है। सेफ्टी है रुको। वापस आओ.. वापस आओ। अरे तुम्हारे पास सेफ्टी है। उनके पास पत्थर और तीर कमान हैं। हालांकि टीम वहां से वापस गांव लौट आई।
निंबोला नेपानगर के बाद अब निंबोला क्षेत्र में भी अतिक्रमणकारी सक्रिय होते दिख रहे हैं। पहले ठाठर-बलड़ी और अब हाईवे से लगे जंगल में अतिक्रमण के लिए पेड़ों को काटा गया है। बीती रात ग्राम झिरी से लगे जंगल में 25 से ज्यादा अतिक्रमणकारी घुस गए। पूजा की और पेड़ों को काटना शुरू कर दिया। ग्रामीण इसका विरोध करते हुए झुंड बनाकर पहुंचे, जिन्हें देख अतिक्रमणकारी जंगल में भाग निकले। इंदौर-इच्छापुर हाईवे से लगी पीर बलूल शाह दरगाह के पीछे बीट क्रमांक 184 में 25 से ज्यादा अतिक्रमणकारी शाम 6 बजे घुस गए थे।
बुरहानपुर एसडीएम दीपक सिंह चौहान ने बताया कि घाघरला में अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई की गई है। अतिक्रमणकारियों ने पत्थर, तीर और गोफन से वन विभाग, पुलिस फोर्स और ग्रामीणों पर हमला किया है। एक वनकर्मी, एक ग्रामीण को तीर लगा है। तीर को डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर निकला दिया है। बाकी घायलों को पत्थर लगे हैं। जिला अस्पताल में 6 लोगों को लाया गया है। बाकी, सामुदायिक केंद्र में हैं। सभी की हालत खतरे से बाहर है।