कृषि मंत्री तोमर ने कहा- किसान प्रस्तावों पर विचार करें, सरकार चर्चा के लिए तैयार हैं

केंद्रीय कृषि मंत्री ने प्रेस कान्फ्रेंस में किसानों की शंकाएं दूर करने की कोशिश की

कृषि मंत्री तोमर ने कहा- किसान प्रस्तावों पर विचार करें, सरकार चर्चा के लिए तैयार हैं

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान ठंड में इतनी तादाद में बैठे हैं और कोविड का समय है, ऐसे में हमारे मन में चिंता रहती है। मैं किसानों से आग्रह करना चाहता हूं कि आपके प्रश्नों का समाधान करने के लिए लिखित प्रस्ताव सरकार ने भेजा है। आप उस पर विचार करें और जब भी चर्चा के लिए कहा जाएगा, भारत सरकार हमेशा तैयार रहेगी। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को प्रेस कान्फ्रेंस में नए कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले सत्रों में 3 कानून लेकर आई थी। कृषि क्षेत्र के ये कानून, जिनमें कृषि उपज का व्यापार और वाणिज्य, मूल्य और आश्वासन से संबंधित हैं। इन कानूनों पर लोकसभा और राज्यसभा में सभी दलों के सांसदों ने 4-4 घंटे विचार रखे। लोकसभा में यह बिल पारित हुआ। राज्यसभा में 4 घंटे चर्चा हुई। इस दिन एक अभद्र घटना भी विपक्ष के सदस्यों ने की। आज तीनों कानून लागू हैं। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में निजी निवेश गांव और खेत तक पहुंचे, इसकी संभावनाएं न के बराबर थीं। सरकार ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में लगातार खेती और किसान को आगे बढ़ाने, 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने एवं कृषक अनुदान बढ़ाने के लिए काम किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 से पहले यूरिया की कमी होती थी। राज्य को यूरिया की जरूरत होती थी, उस वक्त मुख्यमंत्री दिल्ली में डेरा डालकर बैठते थे। कालाबाजारी होती थी। पुलिस लगाकर यूरिया बांटना पड़ता था। यूरिया की लूट की घटनाएं भी होती थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने यूरिया को नीम कोटिंग का काम करवाया और पिछले 6 साल में देश में किसान को यूरिया की कोई कमी नहीं हुई।

किसान की जमीन को कोई आंच नहीें
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि किसान और किसान की भूमि को कानून में पूरी सुरक्षा देने का प्रबंध किया गया। किसानों के बीच विवाद हो तो एसडीएम 30 दिन में इसे सुलझाएगा। यह भी प्रावधान किया गया कि निर्णय किसान के खिलाफ भी जाता है तो वसूली दी गई कीमत की हो सकती है। वसूली का निर्देश एसडीएम के द्वारा किसान के विरुद्ध नहीं होगा। भूमि सुरक्षित रहे, इस दिशा में सरकार ने विमर्श किया।

यूनियनों ने मुद्दे नहीं बताए तो हमने प्रस्ताव भेजा
क्ृषि मंत्री तोमर ने कहा कि किसानों के मुद्दे यूनियन की तरफ से नहीं आए तो हमने उन्हें मुद्दे चिह्नित करके बताए। उन मुद्दों पर सिलसिलेवार प्रस्ताव बनाकर हमने भेजा। कानूनों को निरस्त करने की मांग थी। हमारा पक्ष है कि कानून के वो प्रावधान जिन पर आपत्ति है, उस पर सरकार खुले मन से विचार करने को तैयार है।

सरकार ने कहा- एमएसपी नहीं होगी प्रभावित
तोमर ने कहा कि इन कानूनों से एमएसपी प्रभावित नहीं होती। किसानों को ऐसा लगता है कि नए ट्रेड एक्ट में उनकी एपीएमसी प्रभावित होगी। मंडियां दिक्कत में फंस जाएंगी। हमने कहा कि टैक्स लगता है तो व्यापारी टैक्स की वसूली किसान से ही करता है। हमने फिर भी इस आशंका पर विचार करने की बात कही। हमने कहा कि राज्य सरकार निजी मंडियों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू कर सकेगी। हमारे एक्ट में ये प्रावधान है कि पैन कार्ड से ही खरीद हो सकेगी। सरकार की सोच थी कि व्यापारी और किसान लाइसेंसी राज से बच सकेंगे। उन्हें लगता था कि पैन कार्ड किसी के पास भी होगा और कोई भी खरीदकर भाग जाएगा। हमने इस पर भी विचार करने की बात कही। हमने कहा कि राज्य सरकारें इस प्रकार के पंजीयन के लिए अधिकृत होंगी और नियम बना सकेंगी। उनका मुद्दा था कि विवाद निपटाने के लिए एसडीएम को अधिकृत किया है और अपील कलेक्टर के पास होगी तोमर ने कहा कि बिजली के मामले पर उन्हें चिंता थी। हमने कहा था कि वर्तमान समय में जो व्यवस्था थी। वही चलेगी कोई बदलाव नहीं होगा। हमने एक प्रपोजल दिया, उन्होंने विचार-विमर्श किया। उन लोगों के सारे प्रश्नों का उत्तर देने के बाद भी वो किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।