राजस्थान : पहली-आठवीं में पढ़ाई के पैटर्न में बड़ा बदलाव, तैयारी अधूरी

राज्य सरकार ने पहली से आठवीं कक्षा तक के पढ़ाई के पैटर्न में बड़ा बदलाव किया है। इस सत्र में इन क्लासेज के स्टूडेंट्स को पिछली दो कक्षाओं का कोर्स पढ़ाया जाएगा। स्कूल में आठ में से चार पीरियड 2:20 घंटे पिछली दो क्लास और चार पीरियड वर्तमान क्लास की पढ़ाई होगी। इसके लिए स्टूडेंट्स को वर्कबुक स्कूल की ओर से दी जा रही है।

राजस्थान : पहली-आठवीं में पढ़ाई के पैटर्न में बड़ा बदलाव, तैयारी अधूरी
प्रथम चरण में जुलाई से सितम्बर तक हर रोज सोमवार से शुक्रवार तक आठ में से चार पीरियड पुरानी क्लास की पढ़ाई के लिए तय किए गए हैं। द्वितीय चरण में दो पीरियड पुरानी क्लास और छह पीरियड वर्तमान क्लास के होंगे।

25 जून 22। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने ‘शिक्षा के बढ़ते कदम’ नाम से शुक्रवार से नया कार्यक्रम जारी किया है। इसके तहत पहली से आठवीं तक के स्टूडेंट्स को विशेष तरह की वर्कबुक स्कूल से दी जा रही है। पहली से पांचवीं तक की वर्कबुक तो स्कूल तक पहुंच गई है, जबकि छठी से आठवीं तक की वर्कबुक जल्द ही पहुंच जाएगी। इसी वर्कबुक में हर क्लास की पिछली क्लास का सिलेबस है। हिन्दी, गणित व अंग्रेजी विषय को वर्कबुक की सहायता से करवाया जाएगा।
ब्रिज कोर्स जैसे होगी पढ़ाई : कक्षा एक से आठ तक सभी सरकारी स्कूलों में ब्रिज कोर्स की तरह पढ़ाई होगी। इसमें कक्षा एक में एट ग्रेड लेवल वन, कक्षा दो में एट ग्रेड लेवल टू, कक्षा तीन में बिहाइंड ग्रेड लेवल एक व दो, कक्षा चार व पांच में बिहाइंड ग्रेड लेवल दो, तीन व चार, कक्षा छह व सात में बिहाइंड ग्रेड लेवल तीन, चार व पांच तथा कक्षा आठ में बिहाइंड ग्रेड लेवल पांच, छह व सात का पाठ्यक्रम शामिल होगा।
-क्या है बिहाइंड ग्रेड
बिहाइंड ग्रेड से मतलब पिछली कक्षाओं का सिलेबस है। एट ग्रेड का आशय वर्तमान क्लास का सिलेबस है। ऐसे में कक्षा एक व दो में उसी क्लास का सिलेबस होगा, लेकिन तीसरी से आठवीं तक पुराना सिलेबस भी पढऩा होगा। वर्कबुक क्लास एक से आठ तक होगी।
-दो चरण में होगा ब्रिज कोर्स
प्रथम चरण में जुलाई से सितम्बर तक हर रोज सोमवार से शुक्रवार तक आठ में से चार पीरियड पुरानी क्लास की पढ़ाई के लिए तय किए गए हैं। द्वितीय चरण में दो पीरियड पुरानी क्लास और छह पीरियड वर्तमान क्लास के होंगे।
क्या है मंशा?
दरअसल, सरकार की मंशा है कि कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई नहीं होने से पुरानी क्लास का आधार खत्म हो गया है। ऐसे में स्टूडेंट्स का आधार वापस तैयार करने के लिए ब्रिज कोर्स करवाना पड़ रहा है। विभाग का मानना है कि पिछले दो साल में बच्चों ने कुछ खास नहीं सीखा, ऐसे में लर्निंग लॉस खत्म करने के लिए पुरानी क्लासेज पढ़ाना जरूरी हो गया है।
प्राइवेट स्कूल में भी ये ही पैटर्न लागू
शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में ये ही पैटर्न लागू किया है। वहीं सरकारी स्कूल के लिए तो वर्कबुक की व्यवस्था की गई है, जबकि प्राइवेट स्कूल के लिए वर्कबुक उपलब्ध नहीं कराई है। प्राइवेट स्कूल को वर्कबुक कहां से और कैसे मिलेगी? ये अभी तय नहीं है।