पाक से यूक्रेन तक गोला-बारूद पहुंचा रहा ब्रिटेन? RAF की उड़ानों से हलचल

यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ब्रिटेन की सेना के इस विमान से किस तरह का साजो-सामान एयरलिफ्ट किया जा रहा है। ग्लोबमास्टर 77,000 किलोग्राम तक कार्गो ले जा सकता है।

पाक से यूक्रेन तक गोला-बारूद पहुंचा रहा ब्रिटेन? RAF की उड़ानों से हलचल
फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइटों के मुताबिक, ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स की उड़ानें पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले मिस्र, सऊदी अरब और ओमान हवाई क्षेत्र से होकर व ईरान और अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र के करीब से गुजरती हैं।

17 अगस्त 22। यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच एक बेहद ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कहा जा रहा है कि ब्रिटेन की एक फ्लाइट पाकिस्तान से यूक्रेन के लिए भारी मात्रा में हथियार पहुंचा रही है। ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स (Royal Air Force flights stir) का एक विमान इस महीने की शुरुआत से ही हर रोज पाकिस्तान से होकर यूक्रेन जा रहा है। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइटों के डेटा से पता चला है कि ब्रिटेन का C-17 ग्लोबमास्टर रोमानिया से उड़ान भरकर पाकिस्तानी शहर रावलपिंडी में एक एयरबेस पर जाता है।

मामले से परिचित लोगों का कहना है कि ब्रिटेन की यह फ्लाइट स्पष्ट रूप से यूक्रेन के सपोर्ट मिशन से जुड़ी हुई है। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ब्रिटेन की सेना के इस विमान से किस तरह का साजो-सामान एयरलिफ्ट किया जा रहा है। ग्लोबमास्टर 77,000 किलोग्राम तक कार्गो ले जा सकता है।(Royal Air Force flights stir)

रॉयल एयर फोर्स विमान साइप्रस के भूमध्यसागरीय द्वीप पर स्थित अक्रोटिरी बेस (ब्रिटिश क्षेत्र) से उड़ान भरता है। इसे सबसे पहले ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस जैसे फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइटों का इस्तेमाल करते हुए कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने ट्रैक किया था। फ्लाइट्स में RAF का बोइंग C-17A ग्लोबमास्टर III शामिल था, जिसका कॉल साइन 'ZZ173' बताया जा रहा है।

इन उड़ानों के बारे में ब्रिटेन, रोमानिया या पाकिस्तान के अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। उड़ानों को कम से कम 6 अगस्त से ट्रैक किया जा रहा है। उसी ग्लोबामास्टर विमान को मंगलवार को पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में ट्रैक किया गया था। दावा किया जा रहा है कि इसने साइप्रस से उड़ान भरी और पाकिस्तान वायु सेना के रावलपिंडी में स्थित नूर खान एयरबेस पर उतरा।(Royal Air Force flights stir)

फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइटों के मुताबिक, ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स की उड़ानें पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले मिस्र, सऊदी अरब और ओमान हवाई क्षेत्र से होकर व ईरान और अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र के करीब से गुजरती हैं। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के नेतृत्व में ब्रिटिश सरकार रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन के सशस्त्र बलों की सहायता के प्रयासों में सबसे आगे रही है।

ट्विटर यूजर इंटेल कंसोर्टियम, @INTELPSF हैंडल ने एक पोस्ट में लिखा कि ज्यादातर यूक्रेनी बड़े आर्टिलरी गन 155mm गोला बारूद का इस्तेमाल करते हैं। इसने लिखा, "यूक्रेनी युद्ध योजनाकारों का कहना है कि उनके लिए सबसे अच्छी सहायता 155 मिमी तोपखाने का गोला बारूद हो सकता है। अमेरिका ने हाल ही में इसके 75,000 राउंड यूक्रेन को भेजे हैं। अंदाजा लगाइए कि वह गोला-बारूद और कौन बनाता है: पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री।”

इसने आगे दावा किया, "पाकिस्तान में 320 से अधिक यूक्रेनी T-80UD टैंक भी हैं, और उनके रखरखाव, संचालन, गोला-बारूद और स्पेयर पार्ट्स का एक पूरी तरह से विकसित पारिस्थितिकी तंत्र है।" पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री छोटे हथियारों के गोला-बारूद भी बनाती है जो यूक्रेनी सैन्य राइफलों के अनुकूल हैं। पाकिस्तान और यूक्रेन के घनिष्ठ सैन्य संबंध हैं और इस्लामाबाद ने एक दशक से अधिक समय से सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों को कीव में दूत के रूप में तैनात किया है।