एलएसी पर घुसपैठ की कोशिश नाकाम होने के बाद चीन ने सीमा के पास तैनात किए फाइटर प्लेन

एलएसी पर घुसपैठ की कोशिश नाकाम होने के बाद चीन ने सीमा के पास तैनात किए फाइटर प्लेन

चीन अब भी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। गलवान में 75 दिन पहले हुई झड़प के बाद फिर चीनी सैनिकों ने यथास्थिति का उल्लंघन किया है। सेना द्वारा जारी बयान के मुताबिक 29 अगस्त की रात चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख के भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश की। भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों की इस कोशिश को नाकाम कर दिया। भारत ने इसे यथास्थिति (Status Quo) का उल्लंघन बताया है।  भारत ने यह भी कहा कि हमारी सेना बातचीत के जरिए शांति कायम करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन हम अपनी सीमाओं की सुरक्षा करना जानते हैं। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए चुशूल में ब्रिगेड कमांडर लेवल की बातचीत भी हो रही है। 15 जून को लद्दाख के गलवान में चीन और भारत के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें हमारे 20 जवान शहीद हो गए थे। इतना ही नहीं, इससे पहले चीन ने लद्दाख के पास अपने जे-20 फाइटर प्लेन भी तैनात कर दिए थे।

बातचीत से कोई हल नहीं निकला
गलवान झड़प के बाद लद्दाख में विवादित इलाकों से सैनिक हटाने के लिए भारत-चीन के आर्मी अफसरों के बीच 2 बार मीटिंग हो चुकी हैं। ये बैठकें 30 जून और आठ अगस्त को चीन के इलाके में पड़ने वाले मॉल्डो में हुई थीं, लेकिन इसका कोई खास नतीजा सामने नहीं आया। आर्मी और डिप्लोमैटिक लेवल की कई राउंड की बातचीत के बावजूद चीन पूर्वी लद्दाख के फिंगर एरिया, देप्सांग और गोगरा इलाकों से पीछे नहीं हट रहा। चीन के सैनिक तीन महीने से फिंगर एरिया में जमे हुए हैं। अब उन्होंने बंकर बनाने और दूसरे अस्थायी निर्माण करने भी शुरू कर दिए हैं।