इस्लाम हर उस चीज के प्रति असहिष्णु है जो इस्लामिक नहीं है : गिर्ट विल्डर्स

नूपुर शर्मा विवाद पर डच सांसद गिर्ट विल्डर्स ने मुस्लिम देशों को फटकार लगाते हुए कहा कि कि इन देशों को अपने गिरेबान में झांकने की आवश्यकता है। इन देशों का अल्पसंख्यकों के मामले में ट्रैक रेकॉर्ड बेहद खराब हैं। नूपुर शर्मा ने जो कहा वह कुरान की हदीस के मुताबिक सच है और सच बोलने के लिए धमकियां मिलना और माफी की मांग करना हास्यास्पद है। उन्होने कहा कि सही बात कहने के लिए आप इस्लाम की आलोचना करते हैं तो आप 'इस्लामोफोब' नहीं हैं। मेरा मानना है कि नूपुर शर्मा इस्लामोफोब नहीं हैं। दुनिया के लिए इस्लामिक विचारधारा खतरा है जो पूरी तरह असहिष्णु है। इस्लाम हर उस चीज के प्रति असहिष्णु है जो इस्लामिक नहीं है इसलिए इस्लामोफोबिया नहीं, इस्लाम दुनिया के लिए खतरा है।

इस्लाम हर उस चीज के प्रति असहिष्णु है जो इस्लामिक नहीं है : गिर्ट विल्डर्स
नूपुर शर्मा विवाद पर डच सांसद गिर्ट विल्डर्स ने कहा कि सच बोलने के लिए जान की धमकी मिलना पूरी तरह से अस्वीकार्य है। मेरा मानना है कि ये सबसे बड़ा पाखंड है

10 जून 22। नूपुर शर्मा, फिलहाल पूरी दुनिया इसी नाम के बारे में बात कर रही है। पिछले दिनों एक टीवी डिबेट के दौरान नूपुर ने पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी की जो इस वक्त विवादों का केंद्र बनी हुई है। जैसे ही यह बयान भारत से बाहर गया तमाम इस्लामिक और अरब देश इसकी निंदा करने लगे। वे देश भी भारत की आलोचना कर रहे हैं जिनके अपने मुल्क में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और मानवाधिकार उल्लंघन का एक लंबा इतिहास रहा है। हद तो तब हो गई जब तालिबान भी इस भीड़ का हिस्सा बन गया, लेकिन इस भीड़ के जवाब में कुछ लोग नूपुर शर्मा के साथ पूरी तरह से खड़े दिखाई दे रहे हैं। इनमें सबसे पहला नाम नीदरलैंड के सांसद गिर्ट विल्डर्स का है।
जानें कौन हैं गिर्ट विल्डर्स
गिर्ट विल्डर्स का जन्म 6 सितंबर 1963 को हुआ था। वह नीदरलैंड के एक दक्षिणपंथी नेता हैं। वह नीदरलैंड के तीसरे सबसे बड़े राजनीतिक दल पार्टी फॉर फ्रीडम के संस्थापक हैं। साल 1998 से वह सांसद बन रहे हैं। इस्लाम की अलोचना करने के लिए वह जाने जाते हैं। इस कारण उन्हें कई बार जान से मारने की धमकी मिलती रहती हैं। उन्होंने अपने देश में 'बैन इस्लाम' अभियान भी चलाया था, जिसके तहत उन्होंने मस्जिदों को बंद करने की मांग की थी। 
 
                              एक इंटरव्यू के दौरान उन्होने बेबाकी से नूपुर शर्मा मामले में अपनी राय रखी 

सवाल- क्या आप नूपुर शर्मा को जानते हैं और अगर नहीं, तो उनका समर्थन क्यों कर रहे हैं?
जवाब- मैं नूपुर शर्मा को जानता हूं, वह सत्तारूढ़ बीजेपी की सदस्य और राजनेता हैं। मैं उनका समर्थन इसलिए कर रहा हूं क्योंकि वह सच बोल रही हैं। मेरा मानना है कि सच बोलने के लिए जान की धमकी मिलना पूरी तरह से अस्वीकार्य है। मेरा मानना है कि ये सबसे बड़ा पाखंड है, जो देश भारत से नूपुर शर्मा के बयानों पर माफी मांगने के लिए कह रहे हैं उनके मानवाधिकार का ट्रैक रेकॉर्ड बेहद खराब है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है, यहां कानून का शासन है जबकि ईरान, कतर, सऊदी अरब जैसे इस्लामिक अपने अल्पसंख्यकों प्रताड़ित करते हैं। इन देशों में अगर आप अल्पसंख्यक हैं तो आपको जेल जाना पड़ सकता है, आपकी हत्या भी हो सकती है अगर आपने ईसाई, यहूदी या हिंदू बनने या इस्लाम छोड़ने की कोशिश की। नूपुर शर्मा ने जो पैगंबर मोहम्मद पर कहा, आप उससे सहमत हों या न हों लेकिन वह सच है। सभी जानते हैं, हदीस में कहा गया है कि मोहम्मद ने जब आयशा से शादी की तब वह सिर्फ 9 साल की थी। सच बोलने के लिए धमकियां मिलना और माफी की मांग करना हास्यास्पद है।

सवाल- क्या आपको लगता है कि नूपुर शर्मा का बयान किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए था?
जवाब- मुझे ऐसा नहीं लगता। मैंने टीवी क्लिप देखी है जिसमें उन्होंने वह बयान दिया था। एक शख्स हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ा रहा था, वह गुस्से में थीं और उन्होंने उसे जवाब दिया। मुझे नहीं लगता कि वह किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना चाहती थीं। अगर आप सच बोल रहे हैं तो आप किसी की धार्मिक भावनाओं को कैसे आहत कर सकते हैं? लोकतंत्र में आप अभिव्यक्ति की आजादी के रूप कानून के दायरे में रहते हुए किसी भी धर्म की आलोचना कर सकते हैं। भारत जैसे देश में सिर्फ अदालतों को सही गलत तय करने का अधिकार है। इसलिए अगर नूपुर शर्मा ने कुछ गलत बोला है तो यह तय करने का अधिकार सिर्फ अदालत को है न कि उन देशों को जो उन्हें धमकी दे रहे हैं और भारतीय प्रोडक्ट्स का बहिष्कार कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि भारत को ऐसी महिला पर गर्व होगा जिसने किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है और सिर्फ सच बोला है।

सवाल - अल-कायदा ने भारत को धमकी दी है, आपको भी इस तरह की धमकियों का सामना करना पड़ा है, इन्हें कितनी गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इनसे कैसे निपटना चाहिए?
जवाब-अल-कायदा, आईएसआईएस, तालिबान दुनिया के सबसे आपराधिक और आतंकवादी संगठन हैं। वे सिर्फ डर, हिंसा और आतंक की भाषा बोलते हैं। 10-15 साल पहले मैं उनकी हिटलिस्ट में शामिल था। मेरी सार्वजनिक स्वतंत्रता तब ही खत्म हो गई थी। मैंने घर छोड़ दिया और करीब 17 साल सेफहाउस में रहा। वे धमकाते हैं लेकिन बदले में हम उन्हें धमकी नहीं दे सकते। लोकतंत्र में विवादों को सुलझाने के तरीके अलग होते हैं लेकिन अगर आप किसी को धमकियां देने लगते हैं तो एक दिन आप अपने लोकतांत्रिक मूल्यों को खो देंगे। 

सवाल- नूपुर शर्मा के बयान पर पाकिस्तान, अरब देश और तालिबान भी भारत को टारगेट कर रहे हैं, आप उन्हें क्या नसीहत देना चाहते हैं?
जवाब- मेरी नसीहत यही है कि भाड़ में जाओ। तुम्हें आईना देखने की जरूरत है, अपने ट्रैक रेकॉर्ड को देखने की जरूरत है कि तुम अपने नागरिकों, अल्पसंख्कों के साथ कैसा व्यवहार करते हो। भारत के पास जो है वह तुम्हारे पास नहीं है इसलिए अपने गिरेबांन में झांको, आईना देखो और एक-दूसरे की या अपनी आलोचना करो। किसी लोकतंत्र पर या सच बोलने वाले पर उंगली मत उठाओ।