आश्चर्य : Chennai के पास खुदाई में 1 ही जगह 4 सभ्यताओं के मिले प्रमाण

एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद् एम कालीमुथु ने कहा तिरुनेलवेली और थूथुकुडी जिलों में तेरी साइटों के अलावा, तमिलनाडु में वडक्कुपट्टू एकमात्र ऐसा स्थान है जहां मध्यपाषाण काल के औजारों के प्रमाण मिले हैं। टाइपोलॉजिकल अध्ययन के अनुसार, उपकरण लगभग 12,000 साल पहले बनाए गए होंगे। पुरातत्वविद बहुत खुश हैं।

आश्चर्य : Chennai के पास खुदाई में 1 ही जगह 4 सभ्यताओं के मिले प्रमाण
खुदाई में सोने के गहने, टेराकोटा के खिलौने, मोती, चूड़ियों के टुकड़े, बर्तन के टुकड़े और सिक्के भी मिले हैं। आसपास के क्षेत्र में टीम ने प्रारंभिक पल्लव युग (275 सीई) से लेकर पल्लवों (897 सीई) तक की मूर्तियों की खोज की।

25 सितंबर 22। Chennai के बाहरी इलाके ओरगडम में रेनॉल्ट निसान ऑटोमोबाइल फैक्ट्री से लगभग 5 किमी दूर ASI खुदाई कर रहा है। यहां पर प्राचीन पत्थर के उपकरण बनाने की जगह मिली है। यह लगभग 12,000 साल पहले की है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण टीम को एक ही गड्ढों की परतों में चार सभ्यताओं की कलाकृतियां मिली हैं। यह खुदाई वडक्कुपट्टू गांव में हो रही है।

खुदाई के दौरान मेसोलिथिक काल की हाथ से बनी कुल्हाड़ी और गंडासे जैसे औजार भी मिले हैं। वे सैकड़ों पत्थर के टुकड़ों के साथ सतह से सिर्फ 75 सेमी नीचे पाए गए हैं। चेन्नै सर्कल के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद् एम कालीमुथु ने कहा, 'यह एक ऐसी जगह की तरह दिखता है जहां प्राचीन लोग शिकार करने के लिए एक साथ पत्थर के औजार बनाते थे। इसे पत्थर के औजार बनाने की फैक्ट्री भी कहा जा सकता है।'

कांच के मोती भी मिले (also found glass beads)

पुरातत्वविदों को उसी 10mx10m गड्ढे की ऊपरी परत पर, संगम युग (2,000 से अधिक वर्ष पहले) की कलाकृतियां और बर्तन, रोमन एम्फ़ोरा शेर्ड और कांच के मोती भी मिले। खुदाई में ये सारी चीजें देखकर वे हैरान थे। एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह उस काल में रोम यानी इटली के साथ सक्रिय व्यापार का संकेत देते हैं।

खुदाई में सोने के गहने, टेराकोटा के खिलौने, मोती, चूड़ियों के टुकड़े, बर्तन के टुकड़े और सिक्के भी मिले हैं। आसपास के क्षेत्र में टीम ने प्रारंभिक पल्लव युग (275 सीई) से लेकर पल्लवों (897 सीई) तक की मूर्तियों की खोज की।

सोने के गहने मिले(gold jewelry found)

लगभग एक किलोमीटर दूर गुरुवनमेदु में एक प्राचीन श्मशान मिलने के बाद कई वर्षों से इतिहास के छात्र, शोधकर्ता और पुरातत्व प्रेमी ओरगडम के पास वडक्कुपट्टू में क्षेत्र का अध्ययन कर रहे हैं। कुछ महीने पहले एएसआई की एक टीम ने यहां खुदाई करने का फैसला किया। खुदाई के दौरान महज चंद सेंटीमीटर नीचे सोने के गहने, मोती, टूटी चूड़ियां, बर्तन, सिक्के और टेराकोटा के खिलौने मिले। वे जितने गहरे गए उतने ही पुराने टुकड़े मिलते गए। 75 सेमी की गहराई पर उन्हें छेनी वाले पत्थर के औजार मिले। यहां मेसोलिथिक सभ्यता के पत्थर की नक्काशी वाली पल्लव युग की मूर्तियां मिलीं।

 एक ही जगह पर चार युग मिलना अद्भुत

एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद् एम कालीमुथु ने कहा तिरुनेलवेली और थूथुकुडी जिलों में तेरी साइटों के अलावा, तमिलनाडु में वडक्कुपट्टू एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां मध्यपाषाण काल के औजारों के प्रमाण मिले हैं। उनके काल की गणना के आधार पर माना जा रहा है कि ये उपकरण लगभग 12,000 साल पहले बनाए गए होंगे। कार्बन डेटिंग और थर्मोल्यूमिनेसेंस (टीएल) डेटिंग से औजारों की सही उम्र का पता चलेगा। कालीमुथु का कहना है कि एक ही जगह पर चार अलग-अलग युगों से संबंधित पत्थर के औजार, कलाकृतियां और आभूषण मिलना अद्वितीय है।

हस्तनिर्मित टाइलें भी मिलीं (Handmade tiles also found)

शोधकर्ताओं ने कहा कि पत्थरों से बने छोटे आकार और औजारों के पैनेपन ने संकेत दिया कि बस्ती मेसोलिथिक काल की थी। कालीमुथु ने कहा कि तमाम प्रकार के पत्थर के औजारों से पता चलता है कि यहां बड़ी संख्या में लोग रहते थे। श्रीधरन ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि उसी साइट पर टीम को संगम युग से संबंधित हस्तनिर्मित छत टाइलें मिलीं। उन्होंने कहा कि वे कीझाड़ी और कोडुमानल जैसे स्थानों में पाए जाने वाले की तुलना में आकार में भिन्न हैं। अन्य खोज में पल्लव-युग की मूर्तियां, रेत के पत्थरों से बनी मिलीं। ये समय के साथ नष्ट हो गई हैं। टीम को मध्यकाल में एक मंदिर के अस्तित्व का संकेत भी मिला है, क्योंकि विष्णु और एक शिवलिंग की मूर्तियां यहां से मिलीं हैं।