एचपीवी वैक्सीन : GIRLS को शारीरिक संबंध बनाने की उम्र से पहले लेना जरूरी

दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में गायनोलॉजिस्ट डॉक्टर रूमा सात्विक ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) नाम के वायरस से होता है। यह वायरस सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है जो संबंध बनाने के दौरान शरीर में प्रवेश करता है। यह वायरस सर्विक्स की कोशिकाओं को प्रभावित करता है।

एचपीवी वैक्सीन : GIRLS को शारीरिक संबंध बनाने की उम्र से पहले लेना जरूरी
हर एचपीवी वायरस कैंसर के लिए जिम्मेदार हो, यह जरूरी नहीं। इस वायरस के कई प्रकार होते हैं। उच्च जोखिम वाले वायरस सर्वाइकल कैंसर कर सकते हैं लेकिन इसके लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी निर्भर करती है। अगर इम्यूनिटी मजबूत हो तो इसका जोखिम कम हो सकता है।

8 जुलाई 22। भारत में सर्वाइकल कैंसर के मामले ब्रेस्ट कैंसर के बाद सबसे ज्यादा हैं। हर साल 1 लाख से ज्यादा महिलाएं इस बीमारी का शिकार होती हैं। लेकिन इस खतरनाक बीमारी को एक वैक्सीन दूर रख सकती है। इसे एचपीवी वैक्सीन कहते हैं। यह टीका टीनेज में लग जाए तो सर्वाइकल कैंसर होने के चांस बहुत कम होते हैं। सबसे पहले आपको बताते हैं कि सर्वाइकल कैंसर क्या होता है?

सर्वाइकल कैंसर सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन से होता है
दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में गायनोलॉजिस्ट डॉक्टर रूमा सात्विक ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) नाम के वायरस से होता है। यह वायरस सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है जो संबंध बनाने के दौरान शरीर में प्रवेश करता है। यह वायरस सर्विक्स की कोशिकाओं को प्रभावित करता है।

लेकिन हर एचपीवी वायरस कैंसर के लिए जिम्मेदार हो, यह जरूरी नहीं। इस वायरस के कई प्रकार होते हैं। उच्च जोखिम वाले वायरस सर्वाइकल कैंसर कर सकते हैं लेकिन इसके लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी निर्भर करती है। अगर इम्यूनिटी मजबूत हो तो इसका जोखिम कम हो सकता है।

एचपीवी 16 और 18 से ही सर्वाइकल कैंसर
ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) का हर प्रकार सर्वाइकल कैंसर की वजह नहीं बनता। एचपीवी वायरस के 100 प्रकार होते हैं लेकिन 18 ही हाई रिस्क वायरस होते हैं। एचपीवी 16 और 18 ही सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है।

11 से 15 साल तक वैक्सीन लगाना ठीक
सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस से फैलता है इसलिए इसे रोकने लिए वैक्सीन लगाई जाती है। डॉक्टर रूमा सात्विक ने बताया कि इस बीमारी से बचने के लिए टीनेज में लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन लगाई जाती है। इसे लगाने की सही उम्र 11 से 15 साल है। हर माता-पिता को अपनी बेटी को इसकी डोज लगवानी चाहिए।

15 साल की उम्र की लड़कियों को 2 डोज : 15 साल की उम्र तक की बच्चियों को 2 डोज दी जाती है। 1 डोज लगने के बाद दूसरी डोज 6 महीने के बाद लगती है। अगर 15 साल से ज्यादा उम्र हो 3 डोज दी जाती है। एक डोज लगने के बाद दूसरी डोज 1 महीने बाद और तीसरी डोज 6 महीने के बाद लगती है।

सेक्शुअली एक्टिव होने से पहले लगवाएं
इस वैक्सीन को लगाने का सही समय तब होता है जब लड़की सेक्शुअली एक्टिव ना हो। चूंकि सर्वाइकल कैंसर संबंध बनाने से हो सकता है इसलिए कम उम्र में ही लड़कियों को इसकी डोज दे देनी चाहिए ताकि भविष्य में उन्हें उनके पार्टनर से कोई अनचाहा वायरस ना मिले। अगर मिले भी तो सर्विक्स पर उसका कोई असर ना पड़े।

शादीशुदा महिलाओं को भी लगती है वैक्सीन
डॉक्टर रूमा सात्विक ने कहा कि शादीशुदा महिलाओं को भी इसकी डोज लगाई जाती है। वह कहती हैं कि आमतौर पर हम यह मानकर चलते हैं कि महिला का पूरी जिंदगी एक ही सेक्शुअल पार्टनर होता है। इसलिए उनमें सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन का रिस्क जीरो होता है। हम उनका कोई टेस्ट नहीं कराते। हम मानकर चलते हैं कि जरूरी नहीं महिला को इंफेक्शन है। या इंफेक्शन है तो जरूरी नहीं, वही वायरस हो। वहीं, अगर वही वायरस हो तो यह वैक्सीन दूसरे संक्रमणों से सुरक्षा देती है।

वैक्सीन लगवाने के बाद भी पैप टेस्ट कराना जरूरी
एचपीवी वैक्सीन पूरी तरह सेफ है। लेकिन इसके बाद भी पैप टेस्ट कराना जरूरी है। इस टेस्ट के जरिए गर्भाशय ग्रीवा की जांच होती है और कैंसर का पता लगाया जाता है।

स्कूलों में छात्राओं को लगाई जा रही मुफ्त वैक्सीन
भारत में राज्य सरकारें अपने स्तर पर स्कूल में लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन लगवा रही हैं। यह मुहिम सबसे पहले नवंबर 2016 में दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों में शुरू की। कक्षा 6 की छात्राओं को डोज दी गई। 2016 से 2020 तक 11 से 13 साल की उम्र की 13 हजार लड़कियों को टीका लगाया गया। इसके बाद इस योजना को 2017 में पंजाब और 2018 में सिक्किम में शुरू किया गया।

वहीं, दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट के दिलशाद गार्डन और जनकपुरी सेंटर में 11 से 13 तक की बच्चियों को यह वैक्सीन मुफ्त लगाई जाती है। भारत में एचपीवी वैक्सीन दो नामों से बिकती है। बाजार में सरवरिक्स की कीमत 3299 रुपए है तो गार्डासिल 2800 रुपए की है।