अब बिना डॉक्टर से लिखवाएं खरीद सकेंगे ये 16 दवाएं
सरकार ने ओवर दा काउंटर कैटगरी शुरू करने का प्रस्ताव दिया है, जिसके बाद ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक रूल में बदलाव करना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बारे में एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन भी जारी किया है, जिसमें 16 तरह की दवाओं को शामिल करने का प्रस्ताव है।
27 मई 22। कुछ दवाओं के लिए डॉक्टर की परामर्श अनिवार्य होती है। ऐसे में पर्ची में डॉ के लिखे जाने पर ही वो दवाएं मुहैया की जाती है। जिसे लेकर बड़ी खबर सामने आई है। आम लोगों की सहूलियत के लिए सरकार इस नियम में बदलाव करने जा रही है। इसके बाद आप 16 तरह की दवाओं को बिना डॉक्टर की पर्ची के भी खरीद सकेंगे। बताया जा रहा है कि सरकार ने ओवर दा काउंटर कैटगरी शुरू करने का प्रस्ताव दिया है, जिसके बाद ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक रूल में बदलाव करना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बारे में एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन भी जारी किया है, जिसमें 16 तरह की दवाओं को शामिल करने का प्रस्ताव है। इस पर मुहर लगने और नियमों में बदलाव के बाद इन दवाओं को बिना डॉक्टरी सलाह के भी खरीदा जा सकेगा
ये है दवाएं...
मंत्रायल के अधिकारियों ने बताया कि जिन 16 दवाओं के लिए प्रस्ताव बनाया गया है उनमें पैरासिटामॉल 500, कुछ लेग्जेटिव्स और फंगल क्रीम शामिल हैं। मंत्रालय ने अपने प्रस्ताव पर लोगों से सलाह मांगी है, जो एक महीने के भीतर दी जा सकती है। वर्तमान में भी कई दवाएं मेडिकल स्टोर पर बिना डॉक्टर की पर्ची के भी मिल जाती हैं, लेकिन इसके लिए अभी कोई प्रॉपर कानून या नियम नहीं है। इस साल की शुरुआत में ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड ने ओटीसी दवाओं को लेकर सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। यह संस्था दवाओं के मामले में सरकार को सलाह देती है। इस मंजूरी के बाद ओटीसी कैटेगरी को लेकर काफी चर्चा हुई जिसके बाद 16 दवाओं को मंजूरी दी गई. चर्चा में कहा गया कि बाद में इसमें और दवाओं को भी शामिल किया जाएगा।
पूरी करनी होगी ये शर्त....
ओटीसी कैटेगरी को लागू करने के लिए सरकार ने कुछ शर्त भी रखी है। इसके तहत दवा की दुकानों पर ओटीसी कैटेगरी की दवाएं तभी बेची जा सकेंगी जब इसकी अवधि 5 दिन से ज्यादा नहीं होगी। साथ ही अगर पांच दिन की दवा खाने के बाद भी आराम नहीं मिलता तो मरीज को डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी होगा। हर पैक पर मरीज के लिए जरूरी सूचना लिखी होनी चाहिए और पैक का साइज 5 दिन की खुराक से ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए। इन तैयारियों के बीच भी अभी तक ओटीसी दवाओं की परिभाषा तय नहीं की गई है। इसके अलावा इसकी शुरुआती लिस्ट में ओरल डिहाइड्रेशन जैसी दवाओं को शामिल नहीं किया गया है।