भारत-चीन सीमा विवादः लद्दाख में बोफोर्स तोपें तैनात करने की तैयारी कर रही सेना

भारत-चीन सीमा विवादः लद्दाख में बोफोर्स तोपें तैनात करने की तैयारी कर रही सेना

पूर्वी लद्दाख में चीन की घुसपैठ की कोशिशों के चलते भारत-चीन के बीच तनाव चरम पर है। इस बीच भारतीय सेना वहां बोफोर्स तोपें तैनात करने की तैयारी कर रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक सेना के इंजीनियर बोफोर्स तोपों की सर्विसिंग में जुटे हैं। ये तोपें कुछ दिनों में बॉर्डर पर तैनात कर दी जाएंगी।
गौरतलब है कि बोफोर्स तोपें 1980 में सेना में शामिल की गई थीं। ये लो और हाई एंगल से फायरिंग कर सकती हैं। ये तोपें कई युद्ध जिताने में मददगार रही हैं। 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल की जंग जिताने में भी इनकी प्रमुख भूमिका रही थी। बोफोर्स तोपों ने बहुत ज्यादा ऊंची पहाड़ियों पर बने पाकिस्तान के बंकरों और ठिकानों को आसानी से तबाह कर दिया था। इससे पाकिस्तान की सेना को भारी नुकसान हुआ था।

फॉरवर्ड लोकेशंस पर आर्मी की तैयारियों के सिलसिले में सर्विसिंग और मेंटेनेंस के काम को लेकर लेफ्टिनेंट कर्नल प्रीति कंवर ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्कशॉप में आर्मी के इंजीनियर उन हथियारों के मेंटेनेंस का ध्यान रखते हैं, जिनकी विशेष परिस्थितियों में जरूरत होती है। टेक्निकल स्टोर ग्रुप्स एक टैंक की फायरिंग पिन से लेकर इंजन तक हर चीज मुहैया करवाते हैं। मोबाइल स्पेयर्स वैन के जरिए हम फॉरवर्ड इलाकों में टेक्नीशियंस को कंपोनेंट पहुंचाते हैं।

भारत-चीन सीमा पर पिछले 20 दिन में 3 बार गोलियां चलीं
लद्दाख में भारत-चीन के बीच मई से तनाव बना हुआ है। 15 जून को गलवान में दोनों देशों की झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए, लेकिन उसने कबूला नहीं। ताजा विवाद 29-30 अगस्त की रात से शुरू हुआ, जब चीन ने पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी छोर की पहाड़ी पर कब्जे की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय जवानों नाकाम कर दी। बीते 20 दिन में दोनों तरफ से तीन बार हवा में गोलियां चल चुकी हैं। इसमें पहली बार 29-31 अगस्त के बीच पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी छोर पर, दूसरी बार सात सितंबर को मुखपारी हाइट्स इलाके में और तीसरी बार गत आठ सिंतबर को पैंगॉन्ग झील के उत्तरी छोर पर यह फायरिंग हुई हैं।